वैक्सीनेशन के पश्चात् मिलने वाले सर्टिफिकेट पर पीएम की फोटो नहीं लगाने वाला बयान अत्यन्त शर्मनाक : राजेन्द्र राठौड़

राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा द्वारा वैक्सीनेशन के पश्चात् मिलने वाले सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो नहीं लगाकर मुख्यमंत्री

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rajendra rathour
राजेंद्र राठौड़, उप नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान

  • राजस्थान में ऑक्सीजन का कोटा 100 मीट्रिक टन बढ़ाकर 280 मीट्रिक टन से 380 मीट्रिक टन किया है
  • बयानवीर चिकित्सा मंत्री रोजाना कोई नया मुद्दा लाकर केन्द्र सरकार को आरोपित करने को कर्तव्य मान बैठे

पोल टॉक नेटवर्क | जयपुर

राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा द्वारा वैक्सीनेशन के पश्चात् मिलने वाले सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो नहीं लगाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फोटो लगाने के बयान को अत्यन्त शर्मनाक, वैक्सीनेशन कराने वाले युवाओं को हतोत्साहित करने वाला एवं राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है।

राठौड़ ने कहा कि कोरोना के विरूद्ध युद्ध में टीकाकरण अभियान जब तक देश के सभी राज्यों में समान रूप से नहीं होगा तब तक सुरक्षाचक्र का बनना संभव नहीं होगा। जहां एक ओर देश में हर राज्य की सरकारें टीकाकरण अभियान को गति देने में प्रयासरत हैं एवं कम से कम समय में अधिकाधिक आबादी के वैक्सीनेशन में लगी हुई है। वहीं ऐसे कठिन समय में राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का 18 से 44 आयु वर्ग के लाभार्थियों को वैक्सीनेशन के पश्चात् मिलने वाले सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की फोटो नहीं लगाने को लेकर दिया गया बयान ना केवल बचकाना है बल्कि कोरोना के कारण काल के ग्रास में जा रहे लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने के समान है।

राठौड़ ने कहा कि चिकित्सा मंत्री शायद यह भूल गए हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व का ही नतीजा है कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में समूचे विश्व में वैक्सीन का इजाद और उत्पाद सबसे पहले भारत ने ही किया था और सबसे विशाल टीकाकरण अभियान का शुभारंभ कर देशभर में वैक्सीन लगाने का बीड़ा उठाया था।

राठौड़ ने कहा कि अच्छा रहता कि चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा जी, केन्द्र सरकार द्वारा 10 माह पूर्व आवंटित 1500 वेंटिलेटरों को प्रारंभ करने तथा जनवरी माह में पीएम केयर्स फंड से स्वीकृत प्रदेश के बीकानेर, जोधपुर, अलवर व जयपुर में ऑक्सीजन प्लांट को प्रारंभ करने की चिंता करते। अगर सरकार कोरोना संक्रमण की भयावहता को लेकर पूर्व में ही सावचेत होकर कोरोना रोकथाम के लिए कुशल प्रबंधन कर लेती तो आज राजस्थान ऑक्सीजन को लेकर आत्मनिर्भर प्रदेश की श्रेणी में शामिल होता और ऑक्सीजन को लेकर लोगों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर नहीं होना पड़ता।

राठौड़ ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मांग पर राजस्थान में ऑक्सीजन का कोटा 100 मीट्रिक टन बढ़ाकर 280 मीट्रिक टन से 380 मीट्रिक टन किया है जिसके बाद प्रदेश को अब पश्चिम बंगाल और ओडिशा से अतिरिक्त ऑक्सीजन की आपूर्ति की जानी है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार को प्रदेश के बाहर जामनगर, भिवाड़ी व पानीपत से मिल रही ऑक्सीजन गैस मिल रही है, जिसकी आपूर्ति को जल्द-से-जल्द अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए संबंधित कंपनियों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाना चाहिए और दूरस्थ स्थानों से ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए लेकिन दुर्भाग्य है कि कोरोना के इस संकट काल में राज्य के बयानवीर चिकित्सा मंत्री रोजाना कोई नया मुद्दा लाकर केन्द्र सरकार को आरोपित करने को अपना कर्तव्य मान बैठे हैं।

राठौड़ ने कहा कि राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की बदहाली इतनी जर्जर है कि उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन और शैय्याओं (बैडस) के लिए आदेश जारी करना पड़ा है। फिल्म अभिनेता सलमान खान के अंगरक्षक के साथ फोटो खींचवाने वाले चिकित्सा मंत्री को ऐसी अनर्गल बयानबाजी से बचकर प्रदेश को कोरोना संकट से उबारने के बारे में ठोस योजना बनानी चाहिए।


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