जेल जाने से लेकर रक्षामंत्री बनने तक बड़ा रोचक है राजनाथ सिंह का सफर,13 वर्ष की उम्र में किया था ये काम

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर के केंद्रीय केंद्रीय गृह मंत्री और फिर केंद्रीय रक्षा मंत्री तक का सफर तय करने वाले राजनाथ सिंह को देश की राजनीति में अलग पहचान है। जनता दल के गठन से लेकर के बीजेपी को सशक्त सरकारमें लाने तक में उन्होंने काफी योगदान दिया है। इस लेख में राजनाथ सिंह के प्रारंभिक जीवन से लेकर के राजनीतिक सफर के बारे में जानेंगे।

राजनाथ सिंह का जीवन परिचय

राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई 1951 को बनारस के भंवरा गांव के एक राजपूत परिवार में हुआ था। जो गांव अब चंदौली जिले में शामिल है। राजनाथ सिंह सिंह के पिता का नाम राम बदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी था। राजनाथ सिंह का परिवार मूल रूप से खेती का काम करता था। राजनाथ सिंह की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव से ही पूरी हुई इसके बाद आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए वह गोरखपुर आ गए। राजनाथ सिंह ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से भौतिकी में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद साल 1971 में मिर्जापुर के के.बी. डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर नियुक्त हुए। राजनाथ सिंह का विवाह 1971 में सावित्री सिंह से हुआ। उनके दो बेटे और एक बेटी है। बेटों के नाम पंकज सिंह और नीरज सिंह है वहीं बेटी का नाम अनामिका सिंह है।

राजनाथ सिंह का राजनीतिक सफर

राजनाथ सिंह का सामाजिक और राजनीतिक जुड़ाव बचपन से ही था। वह 13 वर्ष की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। उन्हें 1972 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मिर्जापुर की शाखा का कार्यवाह बना दिया गया। राजनाथ सिंह 1969 से लेकर के 1971 के बीच गोरखपुर के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सचिव रहे। इसके बाद साल 1974 में राजनाथ सिंह ने राजनीति में कदम रखा।

राजनाथ सिंह को 1975 में जनसंघ की मिर्जापुर इकाई का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया उस वक्त राजनाथ सिंह की उम्र मात्र 24 साल थी। 1975 के आसपास कांग्रेस सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे जयप्रकाश नारायण के जेपी आंदोलन से राजनाथ सिंह काफी प्रभावित हुए और उन्होंने जेपी मूवमेंट में भाग लिया। 1975 में इमरजेंसी के दौरान संघ से जुड़े तमाम नेताओं को जेल का सफर तय करना पड़ा उन्हीं कई नेताओं में राजनाथ सिंह का भी नाम शामिल था। राजनाथ सिंह 18 महीने जेल में बंद रहे।

इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजनाथ सिंह एमएलए चुने गए इसके बाद राजनाथ सिंह ने अपने राजनीतिक करियर में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार भारतीय जनता पार्टी में उनका कद बढ़ता गया।राजनाथ सिंह को 1984 में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद 1986 में राजनाथ सिंह भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव बने। इसी वर्ष में उत्तर प्रदेश के विधान परिषद सदस्य भी चुने गए थे।

साल 1991 में जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई तब राजनाथ सिंह को शिक्षा मंत्री का पद दिया गया था। शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए राजनाथ सिंह ने एंटी कॉपिंग एक्ट 1992, विज्ञान ग्रंथों का आधुनिकरण और वैदिक गणित को पाठ्यक्रम में शामिल करने जैसे काम किए थे।

यूपी के सीएम बने

राजनाथ सिंह सन 2000 में उत्तर प्रदेश के 19 में मुख्यमंत्री भी बने। राजनाथ सिंह 2 साल तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान रहे।

दूसरी बार बने बीजेपी अध्यक्ष

राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी में तीसरे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें भारतीय जनता पार्टी में दो बार भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद हासिल हुआ है। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेई और लाल कृष्ण आडवाणी दो बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। राजनाथ सिंह का भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल 2005 से 2009 तक रहा। इसके बाद 23 जनवरी 2013 को राजनाथ सिंह दूसरी बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और उनकी अध्यक्षता में 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा गया और पार्टी ने देश में शानदार जीत दर्ज की।

गृहमंत्री और रक्षामंत्री का संभाला पद

2014 के लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह ने लखनऊ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस चुनाव में उनकी पार्टी ने बहुमत हासिल कर सरकार का गठन किया। 26 मई 2014 को राजनाथ सिंह ने देश के केंद्रीय गृह मंत्री पद की शपथ ली। राजनाथ सिंह 2014 से 2019 तक देश के गृह मंत्री पद पर बने रहे।

2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से राजनाथ सिंह ने लखनऊ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। मोदी सरकार 2.0 में राजनाथ सिंह एक बार फिर से कैबिनेट मंत्री चुने गए। हालांकि इस बार उन्हें गृह मंत्री की जगह रक्षा मंत्री का पद दिया गया। वर्तमान में राजनाथ सिंह देश के रक्षा मंत्री पद पर विराजमान हैं।


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