लॉकडाउन (lockdown) में रामायण के बाद महाभारत (mahabharat) सीरियल की कहानी काफी चर्चा में है. इसी कड़ी में अब बात कर लेते हैं कुछ प्रमुख पत्रों की जो चर्चा में हैं. रामायण के हनुमान, सीता और रावण को भाजपा ने सांसद बनाया. जबकि ये सीरियल जब शुरू हुए तो उस दौरान ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस की सरकार थीं. वर्ष 2 October 1988 से 24 June 1990 महाभारत सीरियल दूरदर्शन पर दिखाया गया था. मगर ‘रामायण’ (ramayan) और ‘महाभारत’ के प्रमुख पात्रों पर भाजपा की नजर रही. और कई सारे पात्रों को भाजपा ने सांसद बनाया. लेकिन आज बात होगी महाभारत (mahabharat) के प्रमुख पात्र कृष्ण और द्रोपदी की. क्योंकि, एक बार फिर से दूरदर्शन पर महाभारत आने वाला है. तो जानिए द्रोपदी कौन और कृष्ण की पूरी राजनीतिक कहानी.
‘कृष्ण’ नितीश भारद्वाज जीते थे लोकसभा का चुनाव
झारखंड राज्य के जमशेदपुर जिले से ‘महाभारत’ के कृष्ण मतलब नितीश भारद्वाज ने वर्ष 1996 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था. उस समय नीतीश भारद्वाज की उम्र भी 34 साल थी। 11वीं लोकसभा में सांसद बने नीतीश भारद्वाज (nitish bhardvaj) 2 जून 1962 को हुआ और वे 1996 में पहली बार जनता दल के इंदर सिंह नामधारी को पराजित कर सांसद चुने गए। इंद्र सिंह नामधारी बड़े दिग्गज नेता रहे. नीतीश की राजनीतिक पारी बहुत लम्बी तो नहीं चली लेकिन चर्चा में बने रहे. इस समय नितीश फिर से चर्चा में आ गये हैं.
‘द्रोपदी’ को भाजपा ने बनाया राज्यसभा सदस्य
बीआर चोपड़ा कृत ‘महाभारत’ में द्रोपदी की भूमिका निभाने वाली रूपा गांगुली (roopa ganguli) काफी चर्चा में रही. वर्ष 1990 के बाद से रूपा गांगुली भले ही चर्चा में न रही हो लेकिन जब उन्हें भाजपा ने राज्यसभा के लिए नामित किया तो वो चर्चा में जरुर आ गई थी. रूपा गांगुली ने एक मैकेनिकल इंजीनियर, ध्रुब मुखर्जी, से 1992 में शादी की। शादी के 14 साल के बाद वे 2007 में अलग हो गये और बाद में औपचारिक रूप से जनवरी 2009 में उन्होंने तलाक ले लिया. आकाश नाम का उनका एक बेटा है। इन दिनों भाजपा में उनका कद बढ गया है.