Home चुनाव उत्तर प्रदेश Shri krishna janmabhoomi vivad: ज्ञानवापी के बाद अब मथुरा में शाही ईदगाह के सर्वे की मांग, कोर्ट का आया बड़ा फैसला

Shri krishna janmabhoomi vivad: ज्ञानवापी के बाद अब मथुरा में शाही ईदगाह के सर्वे की मांग, कोर्ट का आया बड़ा फैसला

0
Shri krishna janmabhoomi vivad: ज्ञानवापी के बाद अब मथुरा में शाही ईदगाह के सर्वे की मांग, कोर्ट का आया बड़ा फैसला
  • मथुरा के शाही ईदगाह का सर्वे करने की हुई मांग 
  • श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद पर 1 जुलाई को होगी सुनवाई 

पोलटॉक नेटवर्क | मथुरा 

Shri krishna janmabhoomi vivad: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से मंदिर आंदोलन (Mandir Andolan) शुरू हो चुका है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे (Gyanvapi Masjid Survey)के आदेश होने के बाद अब श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा (Mathura) के शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah Masjid) के सर्वे की भी मांग उठने लगी है। कोर्ट ने इस मामले में मनीष यादव (Manish Yadav) की याचिका को स्वीकार कर लिया है।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह को लेकर कोर्ट में श्रीकृष्ण के वंशज होने का दावा करने वाले मनीष यादव ने शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया। इस प्रार्थना पत्र में मनीष यादव ने मांग की कि किसी एडवोकेट को कमिश्नर नियुक्त करके शाही ईदगाह का सर्वे व वीडियोग्राफी कराइ जाए।

तीन लोगों ने की मस्जिद के सर्वे की मांग 

बता दें कि शाही ईदगाह का सर्वे करने के लिए मनीष यादव के साथ ही महेन्‍द्र प्रताप सिंह और दिनेश शर्मा ने एक ही तरह की अलग-अलग याचिका लगाई थी। इन सभी याचिकाओं में कोर्ट कमिश्‍नर नियुक्‍त करके ईदगाह की वीडियोग्राफी कराए जाने की मांग की गई है। कोर्ट ने सभी की याचिकाएं स्वीकार ली हैं। कोर्ट ने सभी वादियों को एक ही तारीख एक जुलाई दी है।

मनीष यादव की तरफ से कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा है कि ईदगाह में प्राचीन शिलालेख और पौराणिक साक्ष्य मौजूद हैं, जो ईदगाह में दबा दिए गए हैं। इस स्थिति को कोर्ट के सामने लाना जरूरी है। किसी वरिष्ठ अधिवक्ता को कमिश्नर नियुक्त कर मौके की रिपोर्ट मंगाई जाए।

बीते साल दिया था प्रार्थना पत्र 

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद और मस्जिद के सर्वे के लिए याचिका दायर करने वाले महेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने सबसे पहले श्री कृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह मस्जिद मामले में 24 फरवरी 2021 को एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें वीडियोग्राफी कराने की कमिश्नर की नियुक्ति की मांग की थी, प्लेस ऑफ बर्थ एक्ट के कारण उस पर कोई निर्णय नहीं हो सका, एक बार फिर 9 मई 2022 को एक प्रार्थना पत्र दिया गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here