- इतिहासकारों की माने तो कुछ तो बड़ा राज ‘दफन’ है ?
- ताजमहल को लेकर सभी सच सामने आने चाहिए
पोल टॉक नेटवर्क | आगरा
दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक ताजमहल (Agra Taj Mahal ) एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। वैसे तो ताजमहल (Agra Taj Mahal) का विवादों से बड़ा पुराना नाता रहा है। इस बार ये विवाद इलाहाबाद हाईकोर्ट (ALLAHABAD HIGH COURT) में दायर की गई एक याचिका के कारण हुआ है। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में ताजमहल (Agra Taj Mahal) के नीचे बने 22 कमरों को खोलने की याचिका दायर की है। इस बारे में जाने-माने इतिहासकार राजकिशोर का कहना है कि अगर ये 22 कमरे खोल दिए जाएं तो ये साफ़ हो जाएगा कि क्या वहां कभी कोई मंदिर था या नहीं और इस तरह ये सच्चाई सामने आने से यह विवाद भी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। तो क्या ऐसा हो पायेगा ? इसके लिए तमाम प्रयास चल रहे हैं. अब भारत में हर व्यक्ति ताज की सच्चाई जानना चाहता है।
45 साल से क्यों लगा है ताला ?
इतिहासकारों की माने तो 45 साल पहले तक ताजमहल के नीचे बने कमरों तक जाने वाला रास्ता था। लेकिन 45 साल पहले ASI ने उस रास्ते को बंद कर दिया और वहां ताला लगा दिया गया। वो आगे कहते हैं कि जिस समय ताजमहल का निर्माण हो रहा था तब शाहजहाँ वहां नहीं था, वो अपनी बेगम मुमताज महल के साथ दक्षिण में था। ऐसे में मुमकिन है कि इमारत का निर्माण पहले ही हो चुका हो और इसमें बाद में बदलाव कराए गए हों। इसके अलावा ताजमहल जिस स्थान पर है वो जगह पहले जयपुर के राजा मानसिंह की सम्पति में शामिल था।
ऐसे साक्ष्य उपलब्ध हैं जिनसे पता चलता है कि शाहजहाँ ने मानसिंह के पोते राजा जय सिंह से वो जगह ली थी और उसके बदले में उन्हें चार इमारतें दी गई थीं। ये सभी रहस्य तो तभी उजागर हो सकते हैं जब उन बंद कमरों को खोला जाएगा और इतिहास को एक नई रोशनी में देखा जाएगा। पोल टॉक पर ताजमहल से जुडी सीरीज जारी है।