- क्या ताजमहल एक मकबरा है या कभी वो एक मंदिर हुआ करता था?
- पढ़िए ताजमहल के इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें और विवाद
पोल टॉक नेटवर्क | आगरा
ताजमहल (Tajmahal ) एक मकबरा है या मंदिर? इस सवाल ने बरसों से लोगों को उलझा रखा है। यही सवाल जब एक आम आदमी ने सरकार से पूछा तो सरकार ने कोई जबाव नहीं दिया। और तब उस व्यक्ति ने सूचना के अधिकार के तहत चीफ इन्फोर्मेशन कमिश्नर (CIC) से इस विषय में शिकायत कर दी। नतीजा ये हुआ कि चीफ इन्फोर्मेशन कमिश्नर (CIC ) ने भारत सरकार से पूछा लिया कि वो जवाब दे कि ताजमहल एक मंदिर है या फिर मकबरा? खैर ये मामला चल ही रहा था कि अभी हाल ही में इलाहबाद हाई कोर्ट (High Court) में एक व्यक्ति ने याचिका दायर की है कि ताजमहल के 22 बंद कमरों पर लगा ताला खोला जाए। इससे ये विवाद एक बार पुनः तेज़ होने लगा है कि आखिर ताजमहल की असलियत क्या है। अब ये मुद्दा आगे बढ़ता जा रहा है. इसके लिए पूरी तैयारी भी देखी जा रही है.
Agra Taj Mahal: ताजमहल के 22 कमरों में बंद है ये बड़ा ‘राज’, ऐसे असलियत आएगी बाहर
ये है पूरा मामला
इस याचिका ने सालों से दबे इस विवाद को फिर से जिन्दा कर दिया है। इतिहास की किताबों में यही बताया जाता है कि दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में शामिल ये इमारत मुगल बादशाह शाहजहां की बेगम मुमताज महल की याद में बनवाई गई थी, जहाँ मुमताज महल की कब्र है। लेकिन इस बारे में इतिहासकार अलग-अलग दावे करते हैं और सत्य के ऊपर से पर्दा उठना अभी बाकी है।
कई इतिहासकार का कहना है कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज महल के लिए नहीं बनवाया था। उनका मानना है कि ताजमहल को शाहजहां ने नहीं बनवाया था बल्कि ये वहां पहले से ही एक विशाल इमारत थी, जिसमें बाद में निर्माण करवा कर इसे इस्लामिक लुक दिया गया था।
प्रसिद्ध इतिहासकार पुरुषोत्तम ओक ने ताजमहल अपर आधारित अपनी किताब में लिखा है कि ताजमहल के हिन्दू मंदिर होने के कई सबूत मौजूद हैं जिनके आधार पर ये इमारत एक मंदिर हुआ करती थी। इस मंदिर का नाम तेजोमहालय था जो भगवान शिव को समर्पित था। सच्चाई क्या है ये जानने के लिए विवाद से परे हट कर इतिहास और साक्ष्यों को ठीक से जांचने परखने की जरूरत है, तभी सैकड़ों सालों से दबा ये सच सामने आ सकता है। इसपर पोल टॉक की सीरीज जारी है.