- ग्रीन जोन में तत्काल शराब बिक्री के फैसले पर रोक लगाकर उत्तर प्रदेश में गुजरात और बिहार की तरह शराब बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाये : पूजा गुप्ता
- शराबबंदी के सरकार के फैसले से घर की महिलाएं काफी खुश
- शराब बिक्री पर हमेशा के लिए रोक लगाने की सरकार से हुई मांग
देशभर में लॉकडाउन से जहां करोड़ों लोग मजबूरन घरों में बंद हैं और लाखों श्रमिक व छोटा-मोटा व्यवसाय करने वाले लोग इस बात से चिंतित हैं कि पता नहीं कब तक और ऐसे ही लॉकडाउन रहेगा। करोड़ों की संख्या में ऐसे लोग भी हैं जिनका रोजगार बिल्कुल बंद हो गया है। उन्हें दिन-रात यही चिंता सता रही है कि कब हालात सामान्य होंगे और कब उनका काम धंधा शुरू हो पाएगा।
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इसके बावजूद देशभर में एक ऐसा वर्ग भी है जिसे सिर्फ इस बात की चिंता है कि शराब की दुकानें कब खुलेंगी। इन लोगों की स्थिति ऐसी बनी हुई है जैसे बिन जल मछली की हो जाती है। इन लोगों को लॉकडाउन या रोजगार से भी अधिक फिक्र शराब की दुकानें न खुलने को लेकर रहती है। ये लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से कम और शराब न मिल पाने को लेकर अधिक परेशान दिखाई दे रहे हैं।
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लॉकडाउन को अब एक माह से भी अधिक का समय हो गया है। जैसे-जैसे लॉकडाउन की अवधि नजदीक आ रही है, इन लोगों का आत्मविश्वास भी बढ़ता जा रहा है। ये पूरी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि आगामी 3 मई के बाद तो शराब की दुकानें खुल ही जाएंगी। और सरकार ने निर्णय ले लिया है कि ग्रीन जोन में शराब की दुकानें खोली जाएंगी लॉकडाउन के बावजूद देशभर से मिल रहे कोरोना मामलों को देखते हुए ऐसा लगता नहीं था कि शराब की दुकानें इतनी जल्दी खुलने वाली हैं।
वहीं, दूसरी ओर उन घरों की महिलाएं काफी सुकून महसूस कर रही हैं, जिन घरों में शराब के कारण आए दिन झगड़ा व मारपीट होती रहती थी। राजातालाब की शिक्षिका पूजा गुप्ता ने पीएम मोदी और सीएम योगी को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार को हमेशा के लिए शराब की दुकानें बंद कर देनी चाहिए। लाकडाउन-3, ग्रीन जोन में शराब की दुकानें खोलने के निर्णय पर लाक डाउन कभी भी सफल नहीं हो सकता है, अराजकता का माहौल बन सकता है, इसे तुरंत वापस लेना चाहिए लॉकडाउन के कारण अब तक शराब की दुकानें बंद रहने से गांव में बहुत ही सुख शांति है।
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कहीं कोई झगड़ा फसाद नहीं हो रहा है, घर परिवार में भी कोई विवाद की स्थिति नहीं है। ऐसे में यह शांति का माहौल बना रहे इसलिए शराबबंदी आगे भी जरूरी है। सरकार की ओर से इतनी सख्ती बरतने के बावजूद कई इलाकों में तस्कर चोरी-छिपे ऊंचे दामों में अभी भी शराब बेचे जाने की बात सामने आ रही है. ग्रीन जोन में शराब ठेका खोलने से ऑरेंज जोन और रेड जोन के आसपास के जिले प्रभावित हो सकते हैं.