- उदयपुर में तीन दिवसीय नव सकंल्प चिंतन शिविर 2022 शुरू
- कांग्रेस के सभी उदयपुर में उपस्थित, होगा चुनावी ‘चिंतन’
संतोष कुमार पांडेय | जयपुर
चुनावों में लगातार मिल रही हार और पार्टी में बढ़ रहे विवाद से जूझ रही कांग्रेस को उबारने के लिए राजस्थान (RAJASTHAN ) के उदयपुर (Udaipur) में तीन दिवसीय ‘नव सकंल्प चिंतन शिविर’ (Nav Sankalp Chintan Shivir- 2022) की शुरुआत हो चुकी है. इसमें देश भर से कांग्रेस के 400 से अधिक दिग्गज नेता शामिल होने वाले हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही साथ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (BHUPESH BHAGHEL) मौजूद हैं. कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी (SONIA GANDHI) , राहुल गाँधी (RAHUL GANDHI) और प्रियंका गाँधी (PRIYANKA GANDHI) पहुँच चुके हैं. सवाल हो रहा है क्या कांग्रेस (CONGRESS ) इस नव सकंल्प चिंतन शिवर से उबर पाएगी ?
कांग्रेस पार्टी कहना है कि ‘हम अंधेरे समय में जी रहे हैं। जालिमों द्वारा हमें नफरत करने, बांटने और लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उदयपुर में इस बार नव संकल्प चिंतन शिविर में एक नई उम्मीद की रोशनी जगेगी जो इस अंधकार से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगी। देश के वर्तमान हालातों को देखते हुए, एकजुट होने का समय है, संगठन को मजबूत करने का समय है।
नव संकल्प चिंतन शिविर में संगठन में शक्ति का संदेश दिया जाएगा, अनुशासन का संदेश दिया जाएगा। यह समय देश बचाने का है, देश बचाने की लड़ाई एकजुटता के साथ लड़ेंगे। कांग्रेस का कहना है कि देश में लगातार घट रहे सामाजिक सौहार्द, बेकाबू होती महंगाई, निचले स्तर पर जाती अर्थव्यवस्था सहित अन्य कई जनविरोधी एवं विषम घटनाओं पर मंथन के लिए कांग्रेस द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘नव संकल्प चिंतन शिविर’ में सम्मिलित होने के लिए सभी नेता पहुंच चुके हैं.
9 साल पहले राजस्थान के जयपुर में हुआ था कांग्रेस का चिंतन शिविर. कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जनवरी 2013 में जयपुर में चिंतन शिविर अयोजित किया गया था. इसी बैठक में राहुल गांधी को महासचिव से कांग्रेस उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
इस तरह जयपुर चिंतन शिविर में पार्टी की चिंतन से ज्यादा राहुल गांधी के प्रमोशन पर चर्चा हुई और कांग्रेस में सोनिया के बाद राहुल पार्टी में दूसरे नंबर के ओहदे वाले नेता बन गए थे. तो सवाल है क्या इस बार इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा या नहीं ? बस गाँधी परिवार तक ही सिमट कर रह जाएगी कांग्रेस पार्टी ? इन सवालों का जवाब तो चुनावो में मिले परिणाम से पता लगाया जाएगा ?
पायलट का क्या होगा ?
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (sachin pilot) के बारे में लोगों का कहना है कि उनका क्या होगा ? क्या पायलट को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी या उनका वहीं हाल होगा। पंजाब में मिली सीख के बाद कांग्रेस राजस्थान में कोई भी खतरा मोल नहीं लेना चाहती है. ऐसे में पायलट पर सबकी नजरें टिंकी हुई हैं।
अशोक गहलोत का चल पायेगा जादू ?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ASHOK GEHLOT ) को राजनीति का जादूगर कहा जाता है. तो क्या उनका जादू इस चुनाव में चल पायेगा ? या फिर से एक बार राजस्थान के लिए जो बातें कहीं जाती हैं वहीं साबित होंगी ?