- उत्तर प्रदेश में घटी मासिक बेरोजगारी दर
- यूपी की बेरोजगारी दर दिल्ली समेत अन्य राज्यों से बेहतर
पोलटॉक नेटवर्क | लखनऊ
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) बेरोजगारी दर घट रही है। श में बेरोजगारी और कारोबारी गतिविधियों की निगरानी करने वाले संगठन सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Centre for Monitoring Indian Economy) ने सभी राज्यों की मासिक बेरोजगारी दर जारी की है। CMIE के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की बरोजगारी दर में सुधार हुआ और अप्रैल माह में बेरोजगारी दर घटकर 2.9 फीसदी रह गई है, जो मार्च में 4.4 फीसदी पर थी।
CMIE की रिपोर्ट के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश काफी आगे है। योगी सरकार ने पिछले 5 साल में युवाओं को 5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने की उपलब्धि भी हासिल की है।
दिल्ली से बेहतर यूपी के हाल
CMIE की रिपोर्ट के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में योगी मॉडल दिल्ली के केजरीवाल मॉडल से बेहतर साबित हो रहा है। CMIE की अप्रैल माह की बेरोजगारी दर की रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश देश की राजधानी दिल्ली से काफी बेहतर है। एक तरफ जहाँ अप्रैल महीने में उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी दर 2.9 फीसदी है जबकि दिल्ली की बेरोजगारी दर 11.2 फीसदी है।
CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल महीने में राजस्थान में बेरोजगारी दर 28.8 फीसदी है। पश्चिम बंगाल में 6.2, तमिलनाडु में 3.2, पंजाब में 7.2, झारखंड में बेरोजगारी दर 14.2, केरल में 5.8 और आंध्र प्रदेश में 5.8 फीसदी है।
वहीं योगी सरकार का दावा है कि प्रदेश में बेरोजगारी दर कम होने में योगी सरकार की रोजगारपरक योजनाओं की बड़ी भूमिका है। उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे उद्योग और व्यापार के कारण ही आज उत्तर प्रदेश बेरोजगारी के मामले में न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। सरकार का कहना है कि कोरोना के बाद भी प्रदेश सरकार ने युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
इसके तहत मिशन रोजगार चलाकर विभिन्न विभागों, संस्थाओं और निगमों आदि के माध्यम से प्रदेश के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में योगी सरकार की स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं के तहत करीब तीन करोड़ लोगों को रोजगार से जोड़ने का काम किया गया है।