उत्तर प्रदेश का उन्नाव जिला सूबे की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक नगरी कानपुर से सटा हुआ है। उन्नाव का भी सूबे की राजनीति में चर्चित स्थान है। उन्नाव लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक सीट है। उन्नाव लोकसभा सीट कभी कांग्रेस पार्टी का दुर्ग हुआ करती थी किन्तु 90 के दशक के बाद से भारतीय जनता पार्टी ने सूबे में पैर पसारने शुरू कर दिए उसी के साथ उन्नाव सीट भी बीजेपी के पाले में चली गयी।
उन्नाव लोकसभा सीट की आबादी एवं शिक्षा
उन्नाव लोकसभा सीट पर 2011 के जनगणना के मुताबिक कुल जनसंख्या 31,08,367 है जिसमें से 52% पुरुष और 48% महिलाएं हैं। उन्नाव की कुल आबादी में से 82.9 फीसदी ग्रामीण और 17.1 फीसदी आबादी शहरी है। उन्नाव में हिंदुओं की आबादी 87 प्रतिशत और मुस्लिमों की आबादी 11 प्रतिशत है| इस लोकसभा क्षेत्र में 13.63 लाख वोट दलित, सवर्ण और अल्पसंख्यक जाति से हैं। इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी 30.52 फीसदी है। उन्नाव लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं। जिनमें मोहान, उन्नाव, बांगरमऊ, सफीपुर, भगवंतनगर और पुरवा विधानसभा सीटें शामिल हैं। सफीपुर और मोहान सीट विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। उन्नाव की साक्षरता दर 66.37% है।
उन्नाव लोकसभा सीट का इतिहास
उन्नाव लोकसभा सीट पर अब तक 17 बार आम चुनाव और एक बार लोकसभा का उप चुनाव हो चुका है जिसमें से कांग्रेस पार्टी ने सर्वाधिक 9 बार जीत हासिल की है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने उन्नाव लोकसभा सीट पर 5 बार अपनी जीत का परचम लहराया है। जबकि जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के खाते में एक-एक बार जीत गयी है।
उन्नाव लोकसभा सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस के विश्वंभर दयाल त्रिपाठी सांसद बने। 1952 से लेकर 1971 तक हुए 5 चुनाव और एक उप चुनाव में लगातर कांग्रेस पार्टी का कब्ज़ा रहा। उन्नाव लोकसभा सीट पर 1977 में लोकसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस का विजय रथ रुक गया और जनता पार्टी के उम्मीदवार राघवेंद्र सिंह जीतकर संसद पहुंचे। 1980 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर से वापसी की। 1984 में भी कांग्रेस उम्मीदवार अनवर अहमद उन्नाव से सांसद बने। 1989 के चुनाव के बाद से उन्नाव लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दुर्ग ढह गया। 1989 के चुनाव में जनता दल से अनवर अहमद ने चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी।
उन्नाव लोकसभा सीट पर 1991 में भारतीय जनता पार्टी की एंट्री हुई। 1991 में बीजेपी से देवी बक्स सिंह ने चुनाव लड़ा और जीत का सेहरा अपने सर बांधा। देवी बक्स सिंह भारतीय जनता पार्टी से 1991, 1996 और 1998 के चुनाव में लगातार विजयी हुए। 1999 के चुनाव में यह सीट पहली बार सपा के हाथ लगी। 2004 के चुनाव में बसपा से ब्रजेश पाठक ने चुनाव लड़ा और उन्नाव सीट पर बसपा को पहली जीत दिलाई। 2009 के चुनाव में लगभग 20 साल बाद कांग्रेस ने फिर वापसी की। 2009 में कांग्रेस से अन्नू टंडन ने चुनाव लड़ा और सांसद चुनी गयी। 2014 के चुनाव में देश में मोदी लहर थी और बीजेपी से उन्नाव से साक्षी महराज को चुनावी मैदान में उतारा। साक्षी महाराज ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट से उन्नाव के सांसद बने।
उन्नाव लोकसभा सीट पर अब तक के सांसद
लोकसभा | वर्ष से | वर्ष तक | नाम | पार्टी |
पहली | 1952 | 1957 | विश्वम्भर दयाल त्रिपाठी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
दूसरी | 1957 | 1960 | विश्वम्भर दयाल त्रिपाठी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
उपचुनाव | 1960 | 1962 | लीलाधर अस्थाना | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
तीसरी | 1962 | 1967 | कृष्णा देव त्रिपाठी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
चौथी | 1967 | 1971 | कृष्णा देव त्रिपाठी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पांचवी | 1971 | 1977 | ज़िऔर रहमान अंसारी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
छठवीं | 1977 | 1980 | राघवेन्द्र सिंह | जनता पार्टी |
सातवीं | 1980 | 1984 | ज़िऔर रहमान अंसारी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
आठवीं | 1984 | 1989 | ज़िऔर रहमान अंसारी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
नौवीं | 1989 | 1991 | अनवर अहमद | जनता दल |
दसवीं | 1991 | 1996 | देवी बक्स सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
ग्यारहवीं | 1996 | 1998 | देवी बक्स सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
बारहवीं | 1998 | 1999 | देवी बक्स सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
तेरहवीं | 1999 | 2004 | दीपक कुमार | समाजवादी पार्टी |
चौदहवीं | 2004 | 2009 | ब्रजेश पाठक | बहुजन समाज पार्टी |
पंद्रहवीं | 2009 | 2014 | अन्नू टंडन | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
सोलहवीं | 2014 | अब तक | साक्षी महाराज | भारतीय जनता पार्टी |
सत्रवीं | 2019 | अब तक | साक्षी महाराज | भारतीय जनता पार्टी |