- हाई कोर्ट के निर्देश के बाद यूपी सरकार ने उठाया यह कदम
- योगी सरकार के लिए होगी बड़ी चुनौती, यह है पूरी कहानी
संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक
उत्तर प्रदेश में पंचायती चुनाव 21 (up gram panchayat election 2021 ) को लेकर यूपी सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है, लेकिन ढाई दशक के बाद पहली बार यूपी में मार्च और अप्रैल में पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं. इससे पहले 1995 में जब पहली बार पंचायत चुनाव हुए थे तो मार्च-अप्रैल के महीने में ही हुए थे. उसके बाद पंचायत चुनाव दूसरे महीनों में कराए गए. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार 2000 में मई-जून तो 2005 में जुलाई से लेकर अक्टूबर तक पंचायत चुनाव हुए थे माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव में मार्च-अप्रैल में कराने से सरकार बचती रही है.
सरकार और चुनाव आयोग दोनों ही मार्च और अप्रैल के महीने में चुनाव कराने से बचते रहे हैं. इसके पीछे वजह बताई जाती थी कि वित्तीय वर्ष होने का आखिरी महीना होने की वजह से सरकारी कर्मियों के पास में व्यस्तता रहती है. वही रवि की फसलों की कटाई होने की वजह से किसान भी खाली नहीं रहते हैं। सरकार को 17 मार्च तक आरक्षण जारी करने का वक्त दिया है हाईकोर्ट के आदेश के बाद 18 मार्च को पंचायत चुनाव आ गया है.
उत्तर प्रदेश में इस बार 75 जिला पंचायत, 826 क्षेत्र पंचायत , 58194 ग्राम पंचायत, 3051 जिला पंचायत सदस्य, 75855 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 731813 ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव होगा। कुल 869814 जनप्रतिनिधियों का चुनाव होना है. प्रमुख सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने बताया सीमा विस्तार के गठन में ग्राम पंचायतों की संख्या में कमी आई है. वर्ष 2015 में यूपी में पंचायत चुनाव अखिलेश की सरकार में हुए थे. जिसे लेकर इस बार कई बदलाव होने जा रहे हैं. इसीबात को लेकर तैयारी भी चल रही है.