- केंद्रीय सेक्टर में ईकाइयां बंद होने से यूपी के बिजली कोटे में कमी
- यूपी में 28 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन हुआ कम
पोल टॉक नेटवर्क | लखनऊ
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर ‘अन्धेरा छाने लगा है. मौसम के तापमान में लगातार बदलाव आ रहा है और वहीं पर यूपी में बिजली की कटौती (UP Power Cut) जारी है। गाँव में भी सरकार के काम पर ‘असर’ पड़ता दिखाई दे रहा है। लोग गर्मी में बिजली कटौती (UP Power Cut) से परेशान हैं। लगातार बढ़ रही गर्मीं आम आदमी को झुलसा रही है तो वहीं लगातार हो रही बिजली की कमी झुलसाने वाली गर्मी में घी डालने जैसा काम कर रही है। देश के कई राज्यों में लगातार बिजली का संकट बढ़ता जा रहा है। जहां एक तरफ बढ़ रही भीषण गर्मी की मार के चलते बिजली की मांग ज्यादा बढ़ गयीं है जिसके चलते बिजली आपूर्ति की समस्या सामने आ रही है। वहीं दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि राज्यों में कोयले की कमी हो रही है जिससे बिजली की पूर्ति करना संभव नहीं हो पा रहा है।
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का भी हाल है। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पूरी रात बिजली नहीं मिल पा रही है। वहीं शहरी क्षेत्रों में लगातर हो रही बिजली की कटौती से लोग परेशान हो रहें हैं। उत्तर प्रदेश में 3615 मेगावाट की कई इकाइयां बंद हो गयीं हैं। इसके साथ ही केंद्रीय सेक्टर में ईकाइयां बंद होने से भी उत्तर परदेश के बिजली कोटे में बड़ी कमी आयी है। अप्रैल के महीने में राज्य विद्दुत उत्पादन निगम के अनुसार 28 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन में कमी आयी है।
मंत्री ने की बिजली बचाने की अपील
लगातर सूबे में गहराते बिजली संकट के बीच यूपी के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने जनता से बिजली बचाने की अपील की है। उन्होंने कहा, गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है। वहीं कई बिजली उपक्रम तकनीकी कारणों से हफ्तों से बंद हैं। ऐसे में बिजली की बचत का सभी प्रयास करें। हमारे विद्युत कर्मी बिजली आपूर्ति के लिए रात-दिन अपने कार्य में लगे हैं। जनता का सहयोग प्रार्थनीय है।
विपक्षी साध रहे निशाना
देश व उत्तर प्रदेश में चल रहे बिजली संकट पर भी राजनीति जारी है। लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर हुई समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर बिजली आपूर्ति को लेकर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर लिखा कि बिजली तक नहीं दे पा रही डबल इंजन सरकार, समूचे यूपी में मचा हाहाकार! अघोषित बिजली कटौती और भीषण गर्मी के बीच झुलस रही जनता पूछती है सवाल। 24 घंटे बिजली देने का वादा करने वाले कहां हो गए गुल?
कोयले की है कमी
उत्तर प्रदेश के अनपरा पावर प्लांट में रोजाना 40,000 टन कोयले की जरूरत होती है। यहां शुक्रवार को 32,000 टन कोयले की ही सप्लाई हुई। ओबरा परियोजना को रोजाना 12,500 टन कोयले की जरूरत के मुकाबले 7,900 टन कोयला ही मिला। हरदुआगंज को 19,000 मीट्रिक टन की जरूरत के मुकाबले 3,800 टन कोयला सप्लाई हुआ। वहीं पारीछा पावर प्लांट में 15,500 टन कोयले की रोजाना जरूरत है। इसके मुकाबले 15,000 टन कोयला ही सप्लाई हुआ। इन सभी प्लांटों में कहीं 4 दिन का कोयला शेष हैं तो कहीं एक दिन का ही कोयला बचा हुआ है। गर्मी में बढ़ती मनाग के साथ ही बिजली कटौती की एक बड़ी वजह है देश में कोयला लगातार कम होता जा रहा है।