- कई बार के विधायक विजय मिश्रा पहली बार हार गए चुनाव
- चिल्लूपार से कई बार के विधायक रहे हरिशंकर तिवारी के बेटे भी हारे चुनाव
पोल टॉक नेटवर्क | लखनऊ
उत्तर प्रदेश में 2017 में कानून व्यवस्था सही करने का वादा कर सत्ता में आयी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकाल में लगातार योगी सरकार माफियों पर नकेल कसती रही। जहाँ एक और क़ानूनी कार्यवाही चल रही थी तो दूसरी और बाहुबली और माफियाओं की अवैध सम्पत्ति पर सीएम योगी का बुलडोजर चलता रहा। विधानसभा चुनाव 2022 में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी बाबा का बुलडोजर लेकर चुनावी रण में उतरी और लगातार दूसरी बार सूबे में बहुमत की सरकार बनाई। 2022 के चुनाव में दम्भ भरने वाले कई बाहुबली नेताओं को भी मुँह की खानी पड़ी। आज इस लेख में उत्तर प्रदेश के बाहुबली ब्राम्हण नेताओं के बारे में बात करेंगे जिनकी विधानसभा चुनाव में विरासत हिल गयी
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विनय शंकर तिवारी, गोरखपुर
उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेताओं की बात हो और हरिशंकर तिवारी का नाम न आये ऐसा हो नहीं सकता। पूर्वांचल से आने वाले हरिशंकर तिवारी 80 के दशक में दबंग छवि लेकर सामने आये थे। हरिशंकर तिवारी 22 साल तक विधायक रहे और मंत्री भी बने। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में हरिशंकर तिवारी नहीं बल्कि उनके बेटे विनय शंकर चिल्लूपार सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें भाजपा के राजेश त्रिपाठी ने करीब 21,842 वोटों से हरा दिया। बता दें, इसी विधानसभा सीट से विनय शंकर तिवारी 2017 में विधायक चुने गए थे।
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विजय मिश्रा, भदोही
प्रयागराज के खपटिया निवासी विजय मिश्र ने 1986 में भदोही जिले की राजनीति में ब्लाक प्रमुख डीघ से सियासी सफर शुरू किया था। इसके बाद वह विधानसभा चुनाव लड़े और लगातार 4 बार विधायक चुने गए, लेकिन 2022 के चुनाव में बाहुबली का किला ढह गया। रिश्तेदार का भवन एवं फर्म हड़पने के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद आगरा जेल में बंद हैं। विजय मिश्रा ने जेल के अंदर से सियासी रण में दांव खेला था लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया। विजय मिश्रा निषाद पार्टी के विपुल दुबे से चुनाव हार गए।
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इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी, अयोध्या
उत्तर प्रदेश के बाहुबली ब्राह्मण चेहरों में शामिल इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी फर्जी अंकपत्र मामले में सजा सुनाए जाने के बाद खब्बू तिवारी जेल में हैं। खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी इस बार चुनाव मैदान में थीं। अयोध्या की गोसाईंगंज विधानसभा सीट पर सपा से पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अभय सिंह और भाजपा से पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी मैदान में आमने-सामने थी। अभय सिंह और खब्बू के लिए यह सीट मूंछ का सवाल बनी इस सीट पर अभय सिंह ने बाजी मारी और आरती तिवारी 12,774 वोटों से चुनाव हार गयीं।
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अमनमणि त्रिपाठी, महराजगंज
उत्तर प्रदेश के जब भी बाहुबली चेहरों की बात की जाती है तो उसमें अमनमणि त्रिपाठी का नाम सामने जरूर आता है। नौतनवा विधानसभा सीट पर 2017 में निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर विधायक चुने गए। इस बार वे बसपा से अपनी किस्मत आजमाने मैदान में उतरे थे लें जनता ने उन्हें नकार दिया। अमनमणि त्रिपाठी को चुनाव नतीजों में तीसरा पायदान हासिल हुआ। गौरतलब है मधुमिता शुक्ला हत्याकांड से सुर्खियों में आए अमरमणि के बेटे अमनमणि त्रिपाठी पर भी पत्नी सारा की हत्या का आरोप है।