इंटरव्यू : सच को सच और झूठ को झूठ कहने और परेशान को न्याय दिलाने को जौनपुर से विस चुनाव में उतरुंगा : विराज ठाकुर चन्देल

जौनपुर जिले में युवा नेता विराज ठाकुर चंदेल अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. इन्हें गलत को गलत कहने में कोई गुरेज नहीं है. चाहे इनके सामने कोई भी हो. सच्चाई और न्याय के लिए ये लड़ जाते हैं. पीछे नहीं हटते हैं. जौनपुर के युवाओं में विराज को लेकर अधिक क्रेज है.

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विराज ठाकुर चन्देल
विराज ठाकुर चन्देल, युवा नेता और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक जौनपुर के जिलाध्यक्ष.

जौनपुर जिले में युवा नेता विराज ठाकुर चंदेल अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. इन्हें गलत को गलत कहने में कोई गुरेज नहीं है. चाहे इनके सामने कोई भी हो. सच्चाई और न्याय के लिए ये लड़ जाते हैं. पीछे नहीं हटते हैं. जौनपुर के युवाओं में विराज को लेकर अधिक क्रेज है. छात्र जीवन में विराज ठाकुर टीडी कॉलेज से अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाह रहे थे. मगर इन्हें मौक़ा नहीं मिला. फिर दो साल तक ये हिन्दू युवा वाहिनी के जौनपुर जिला जिलाध्यक्ष भी रहे. किसी विवाद को लेकर इन्होने खुद इस्तीफा दिया और अब जनसत्ता दल लोकतांत्रिक जौनपुर के जिलाध्यक्ष हैं. विराज ठाकुर  ने पोलटॉक पर खुलकर अपना इंटरव्यू दिया है. सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया है. पढिये पूरा इंटरव्यू.

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जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया के साथ विराज ठाकुर.

सवाल : आप राजनीति में क्यों हैं ? क्या मकसद है ? दूसरी तरफ नहीं गए ?
विराज ठाकुर : देखिये, शुरू से ही हमें गलत बर्दाश्त नहीं होता था. हम न्याय के लिए आवाज उठाते थे. बड़ी संख्या में पीड़ित लोगों को न्याय और समानता नहीं मिल पाती है. उनके लिए कौन आगे आए? यह सब देखकर मुझे लगता था कि राजनीति ही एक जरिया है जो मुझे इनके लिए लड़ने को आगे ला सकती है. धीरे धीरे देखते देखते हम पता नहीं कब राजनीति में आ गये पता नहीं चला. मगर अब मुझे संतुष्टि है कि लोगों के लिए बोल पा रहा हूँ उन्हें न्याय भी दिलाने में भूमिका निभा रहा हूँ. इसीलिए दूसरी बातें या चीजें ठीक नहीं लगी.

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एक रैली में विराज ठाकुर चन्देल .

सवाल : छात्र राजनीति में आपकी क्या स्थिति रही है ? क्या कोई चुनाव आपने लड़ा है ?
विराज ठाकुर : शुरू में राजनीति में आने का कोई विचार नहीं था. लेकिन जब तिलकधारी कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव लड़ने गया लेकिन कुछ ऐसी स्थिति बनी की मैं (विराज ठाकुर ) चुनाव नहीं लड़ पाया. लेकिन वहीं से राजनीति में आने की इच्छा बढती गई. और फिर राजनीति को अपना जीवन बना लिया है. अब इसी में जीना और रहना है.

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युवाओं के साथ विराज ठाकुर चन्देल .

सवाल : हिन्दूयुवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष रहते हुए आप विवाद में क्यों आये ? क्यों देना पड़ा इस्तीफा ?
विराज ठाकुर : देखिये, मैं दो साल से हिन्दू युवा वाहिनी में काम कर रहा था. मैं लगातार काम कर रहा हूँ. जिलाध्यक्ष था. और वर्ष 2017 में सरकार बन गई. हिन्दू युवा वाहिनी के मुखिया योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने और हम लोग उत्साहित हुए. हमें लगा कि सरकार हमारी है. सभी को इमानदारी से न्याय मिले. कहीं पर भ्रष्टाचार न हो. इसके लिए हमें सभी प्रमुख प्रसाशनिक कार्यालयों पर एक पोस्ट लगा दिया कि कही पर कोई अधिकारी पैसा लेकर काम करने की बात करें तो विराज ठाकुर चन्देल से बात करिए. अपना मोबाइल नम्बर भी हमने दे दिया था. लगातार उसपर शिकायत आने लगी थी. रोज 200 से अधिक लोगों के फोन आने लगे थे. उनकी सेवा में मैं लगातार लगा रहता था. कई मामले बड़े भी सामने आये. लेकिन मेरा मकसद था इमानदारी और न्याय की बात करना. कई बार मामला बढ़ा जाता था लेकिन मैं अपने रास्ते पर था. जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में भी इसी तरह का मामला था. जहां पर मेरी वजह से लाखों रूपये की सरकार ने वसूली की. वहां पर भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर हो रहा था. एक बार हमने आरटीओ कार्यालय पर लाइसेंस बनाने को लेकर दलालों पर कुछ कार्रवाई किया तो विवाद बढ़ गया. पुलिस में मेरे खिलाफ मामला दर्ज होने लगा. इसी बात को लेकर बात बिगड़ गई. मुझे लगा कि हम लोगों के लिए काम कर रहे हैं और हमारे ही संगठन में लोग साथ नहीं दे रहे हैं. मैं खुद इस्तीफा दे दिया. और इस दौरान मैंने 5 हजार से अधिक लोगों के लिए काम किया. मन को संतुष्टि है. उसी के बाद से हम अलग राश्ते पर हैं. मुझे निकाला नहीं गया मैंने खुद छोड़ दिया.

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सवाल : यहाँ से दूसरे किसी दल में न जाकर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ही क्यों चुना ?
विराज ठाकुर : देखिये, मैं अपने वसूल और सिद्धांत की राजनीति करना चाहता हूँ. मुझे किसी अन्य दल में ये बात नहीं दिखी. और रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक दल में मुझे ये बात दिखी और मैं उधर चला गया. मुझे यहाँ आजादी है. लोगों की बड़ी संख्या मेरे साथ जुडी है. जिनके लिए न्याय और अधिकार के लिए मैं अभी भी लड़ रहा हूँ. और लड़ता रहूँगा.

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सवाल : विधान सभा चुनाव में क्या आप ताल ठोकेंगे ? और किस सीट पर आप दावेदारी करेंगे ?

विराज ठाकुर : मैं, 2022 के विधान सभा में चुनाव लडूंगा. जौनपुर की सदर और जफराबाद मेरी प्राथमिकता होगी. मैं लगातार जिले में काम कर रहा हूँ. मेरा अभी ध्यान बस समाज की एकता और बन्चितों को न्याय दिलाना है. इसके लिए मैं लगातार काम कर रहा हूँ. हाँ, एक बात दूं उनके लिए जो मुझे चुनाव् में जिताएंगे वो विधायक नहीं बल्कि अपना सेवक पायेंगे. लगातार उनके बीच में रहूंगा. यही बात बतानी है. उन्हें मेरे द्वार नहीं बल्कि मैं खुद उनके द्वार जाउंगा. मेरे साथ जौनपुर के युवा के साथ ही साथ सभी उम्र के लोग हैं.

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इसलिए चर्चा में बने विराज ठाकुर चंदेल 

विराज ठाकुर चंदेल जौनपुर के जलालपुर क्षेत्र के लखमीपुर गांव के निवासी है. 2016 में केराकत में हुए दंगे के प्रमुख आरोपी बने जिमसें उन्हें अपने 17 साथियों के साथ दोबारा 13 दिन जेल में गुजरना पड़ा 700 लोगों के ऊपर अज्ञात में मुकदमा दर्ज हुआ। 2017 में ही सितंबर में शुक्ला ट्रांसपोर्ट नईगंज में हुए गोलीबारी के प्रमुख आरोपित बने. ‘हालांकि विराज ठाकुर का कहना है कि यह मुकदमा राजनीति से प्रेरित था उक्त घटना से मेरा कोई लेना देना नही है। गौ तस्करों को मरवाना व उन्हें पकड़वाना उनके ऊपर कठोर कार्यवाही करवाना. शिक्षा विभाग के कर्मचारियों द्वारा BSA के फर्जी सिग्नेचर कर 18 लाख रुपये के घोटाले की जांच करवाना व दोषियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करवाना.

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