- IAS, IPS और IFS में क्या अंतर होता है
- IAS, IPS और IFS का वेतन कितना होता है
पोलटॉक नेटवर्क | नई दिल्ली /आदित्य कुमार
संघ लोक सेवा (UPSC) द्वारा आईएएस, आईपीएस और आईएफएस आदि अधिकारी के पदों पर भर्ती के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की जाती है। यूपीएससी की सिविल सर्विस सर्विसेज परीक्षा में प्री, मेंस और इंटरव्यू पास करने के बाद आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), आईएफएस (IFS) अधिकारी चुने जाते हैं। आईये जानते हैं कि IAS, IPS और IFS में क्या अंतर होता है।
UPSC में हैं 24 सर्विसेज
UPSC में 24 सर्विसेसज होती हैं, जिसके लिए कैंडीडेट का चयन इस परीक्षा के आधार पर होता है। इसके बाद इन्हें दो वर्गों में बांटा जाता है, पहली ऑल इंडिया सर्विसेज और दूसरी सेंट्रल सर्विसेज (Central Services) हैं। सेंट्रल सर्विस के तहत ग्रुप ए और ग्रुप बी सर्विस होती हैं।
ऑल इंडिया सर्विसेज (All India Services) के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों का चयन होता है। इस कैटेगिरी में चुने गए अधिकारीयों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का कैडर दिया जाता है। UPSC सेंट्रल सर्विसेज के तहत ग्रुप ए और ग्रुप बी सर्विस शामिल हैं। ग्रुप ए सर्विस के तहत भारतीय विदेश सेवा (IFS), इंडियन सिविल एकाउंट्स सर्विस, इंडियन रिवेन्यू सर्विस (IRS), इंडियन रेलवे सर्विस (IRTS और IRPS) और इंडियन इन्फार्मेशन सर्विस (IIS) के लिए अधिकारियों का चयन होता है। जबकि ग्रुप बी में आर्म्ड फोर्सेज हेडक्वार्टर्स सिविल सर्विस, पुडुचेरी सिविल सर्विस, दिल्ली और अंडमान निकोबार आइलैंड सिविल के साथ पुलिस सर्विस जैसी सर्विस भी शामिल हैं।
आईएएस (Indian Administrative Services)
UPSC की परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को आईएएस बनाया जाता है। आईएएस कई अलग-अलग मंत्रालयों, प्रशासन के विभागों में काम करता है। एक आईएएस अधिकारी के लिए सबसे वरिष्ठ पद कैबिनेट सचिव का होता है। आईएएस अधिकारी कैबिनट सेकेट्री, अंडर सेकेट्री आदि भी बन सकते हैं।
IAS के मुख्य कार्य
- एक policy formulation तथा policy के implementation में एक आईएएस अफसर का काफी योगदान होता हैं।
- जिस क्षेत्र कार्यभार सँभालने की जिम्मेदारी दी गयी हैं उस क्षेत्र का revenue collection की जिम्मेदारी भी एक आईएएस अफसर के ऊपर ही होती हैं।
- वैसे तो पुरे जिले के कार्यभार को संभालना पड़ता हैं लेकिन साथ ही साथ रोजाना हुए मंत्रियो से जुड़े कार्य को भी सम्पादित किया जाता हैं।
IAS की सैलेरी कितनी होती है-
वेतन स्तर | बेसिक वेतन | सेवा में आवश्यक वर्षों की संख्या | पद |
10 | 56,100/- | 1-4 वर्ष | SDM/ अवर सचिव / सहायक सचिव |
11 | 67,700/- | 5-8 वर्ष | अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM)/ |
12 | 78,800/- | 9-12 वर्ष | जिला मजिस्ट्रेट/संयुक्त सचिव / उप सचिव |
13 | 1,18,500/- | 13-16 वर्ष | जिला मजिस्ट्रेट/ विशेष सचिव/ निदेशक |
14 | 1,44,200/- | 16-24 वर्ष | डिविज़नल कमिश्नर/ सचिव-सह-आयुक्त/ |
15 | 1,82,200/- | 25-30 वर्ष | प्रमुख सचिव/ अपर सचिव |
16 | 2,05,400/- | 30-33 वर्ष | अपर मुख्य सचिव |
17 | 2,25,000/- | 35-36 वर्ष | प्रमुख शासन सचिव/ सचिव |
18 | 2,50,000/- | 37+ वर्ष | भारत के कैबिनेट सचिव |
आईपीएस (Indian Police Service)
आईपीएस अधिकारी का कार्य अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने का होता है। आईपीएस अधिकारी रैंक के तहत एसपी से लेकर आईजी, डेप्यूटी आईजी, डीजीपी तक बनाए जाते हैं। एक I.P.S अफसर ऊंचे पद पर Cabinet Secretariat तक बनने की चाहत रख सकते हैं।
IPS के मुख्य कार्य
- आम जनता को सुरक्षा तथा शांति प्रदान करना।
- Law तथा Order में सहयोग देना।
- Internal Security जैसे, Intelligence Bureau(IB), Research and Analysis Wing (RAW) तथा Criminal Investigation Department (C.I.D) तौर पर काम करना।
IPS की सैलेरी कितनी होती है
पोस्ट | मूल वेतन |
पुलिस उपाधीक्षक | ₹56,100 |
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक | ₹67,700 |
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक | ₹78,800 |
पुलिस उप महानिरीक्षक | ₹1,31,100 |
पुलिस महानिरीक्षक | ₹1,44,200 |
पुलिस महानिदेशक | ₹2,05,400 |
डीजी/आईबी या सीबीआई के निदेशक | ₹2,25,000 |
आईएफएस (Indian Foreign Service)-
IFS अधिकारी विदेशी मामलों में अपनी सेवाएं देते हैं यानी IFS अधिकारी का कार्य विदेश मंत्रालय से सम्बंधित होता है।आईएफएस अधिकारी यूपीएससी उत्तीर्ण करने के तीन साल की ट्रेनिंग के बाद आईएफएस ऑफिसर बनते हैं। IFS अधिकारी डिप्लोमेसी से जुड़े मामलों में काम करते हैं। IFS अधिकारी द्विपक्षीय राजनीतिक,आर्थिक सहयोग व व्यापार और निवेश से जुड़े मामलों के साथ ही सांस्कृतिक बातचीत, प्रेस और मीडिया से सम्पर्क और बहुपक्षीय मुद्दों पर देश की मेजबानी करने की जिम्मेदारी होती है।
IFS अधिकारी के मुख्य कार्य
- अपने देश तथा विदेश के बीच शांति बनाये रखना।
- देश से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान निकलना।
- Policy formulation तथा देश के development में अपना योगदान देना।
IFS की सैलेरी कितनी होती है
ग्रेड | रैंक | मूल वेतन |
जूनियर टाइम स्केल | अवर सचिव | ₹8000 |
वरिष्ठ समयमान | अवर सचिव | ₹10700 |
कनिष्ठ प्रशासनिक वेतनमान | उप सचिव | ₹12750 |
चयन ग्रेड | परामर्शदाता निदेशक | ₹15100 |
वरिष्ठ प्रशासनिक वेतनमान | संयुक्त सचिव | ₹18400 |
उच्चायुक्त/राजदूत | विदेश सचिव | ₹26000/Nil |
IFS अधिकारी का कुल वेतन 60 हजार रूपये होती है जिसमें सभी प्रकार के भत्ते शामिल होते हैं। IFS अधिकारी का वेतन उसकी पोस्टिंग पर निर्भर करती है। यदि किसी IFS अधिकारी की पोस्टिंग संयुक्त राज्य अमेरिका के भारतीय दूतावास में की जाती है तो उसका वेतनमान अलग होता है। उस IFS अधिकारी को विदेशी भत्ते के तहत 2.40 लाख रुपये का वेतन प्राप्त हो सकता है।