पोलटॉक नेटवर्क | लखनऊ
उत्तर प्रदेश की राजनीति का जिक्र हो और उसमें रजवाड़ों यानी रियासत और राजाओं उनके राजकुमारों का जिक्र ना हो ऐसा कैसे संभव हो सकता है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में पुराने राजघरानों के नेताओं का अपना एक वर्चस्व है। जब आप उत्तर प्रदेश के राजघरानों की बात करे तो अमेठी राजघराना और भदरी रियासत का नाम लिस्ट में सबसे पहले आता है। इस लेख में हम जामो अमेठी राजघराने से ताल्लुक रखने वाले कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल के बारे में जाने वाले हैं।
कौन हैं कुंवर अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल
वर्तमान में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी से उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी का संबंध अमेठी राजघराने से है। अक्षय प्रताप सिंह अमेठी की जामो रियासत के राजकुमार हैं। अक्षय प्रताप सिंह का जन्म 14 अप्रैल 1970 को हुआ था। अक्षय प्रताप सिंह हैं तो अमेठी के जामो रियासत के राजा लेकिन उनकी पहचान जामो से नहीं प्रतापगढ़ से ज्यादा है।
अक्षय प्रताप सिंह का राजनीतिक सफर
अक्षय प्रताप सिंह अमेठी जामो रियासत के राजकुमार हैं लेकिन उन्होंने अपनी पहचान बनाने के लिए अपने पुराने पुश्तैनी करीबी रजवाड़े भदरी रियासत का सहयोग लिया। वर्तमान में भदरी रियासत के वारिस रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया प्रतापगढ़ के कुंडा विधानसभा सीट से विधायक हैं। राजा भैया ने अक्षय प्रताप सिंह के महत्व को समझते हुए उनका भरपूर सहयोग किया। राजा भैया ने अक्षय प्रताप सिंह को न केवल चुनावी दांव पेंच में मदद की बल्कि उन्हे राजनीति में सफलता भी दिलवाई।
अक्षय प्रताप सिंह ने 1998 में प्रतापगढ़ के विधान परिषद सदस्य का चुनाव लड़ा था जीत हासिल की थी। उसके बाद 2003 में एक बार फिर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर प्रताप सिंह एमएलसी का चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। अक्षय प्रताप सिंह ने 2004 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और कांग्रेस के पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह को मात देकर पहली बार संसद पहुंचे। हालांकि 2009 के लोकसभा चुनाव में राजकुमारी रत्ना सिंह ने अक्षय प्रताप सिंह से अपना बदला लेते हुए उन्हें हरा दिया था।
प्रतापगढ़ सीट से अक्षय सिंह 1998 से एमएलसी चुनते आ रहें हैं। अक्षय प्रताप सिंह 5 बार प्रतापगढ़ से एमएलसी चुने गए हैं। अक्षय सिंह तीन बार सपा से एमएलसी रहें हैं। अक्षय प्रताप सिंह को 2010 में समाजवादी पार्टी ने बतौर विधान परिषद उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा और वह पार्टी के विश्वास पर खरे उतरे और प्रतापगढ़ विधान परिषद सदस्य चुने गए। 2016 में अक्षय सिंह निर्विरोध चुनाव जीते थे। 2018 में सपा और राजा भैया की बीच दूरियां बढ़ गयीं जिसके बाद अक्षय सिंह जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी में शामिल हो गए। 2022 में हुए विधान परिषद चुनाव में अक्षय सिंह राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की। अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
रिपोर्ट- पत्रकार आदित्य कुमार