- कैसरगंज से भाजपा सांसद है बृजभूषण शरण सिंह
- राज ठाकरे को दी है अयोध्या में न आने की धमकी
पोलटॉक नेटवर्क | लखनऊ /आदित्य कुमार
Who Is Brij Bhushan Sharan Singh: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (maharashtra navnirman sena) प्रमुख राज ठाकरे (raj thackeray) को अयोध्या (raj thackeray ayodhya visit) की सीमा में न घुसने देने की धमकी देने वाले बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (brij bhushan sharan singh) बीते कुछ दिनों से चर्चा का विषय बने हुए हैं। बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद हैं। कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र बहराइच और गोण्डा जिले के हिस्सों को मिलाकर बना है। 2009 के परिसीमन के बाद गोण्डा जिले के 3 विधानसभा क्षेत्र- कटरा बाजार, कर्नलगंज और तरबगंज इसमें आते हैं। वहीं, बहराइच जिले की पयागपुर और कैसरंगज विधानसभा सीट इसमें सम्मिलित है। बृजभूषण शरण सिंह अब तक 6 बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं।
बृजभूषण शरण सिंह का राजनीतिक सफर
बृजभूषण शरण सिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1979 से की। 1979 में बृजभूषण शरण सिंह ने पहली बार छात्रसंघ चुनाव लड़ा था और उस चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की थी। छात्रसंघ चुनाव जीतने के बाद बृजभूषण शरण सिंह की छवि पूर्वांचल के जिलों में बतौर युवा नेता उभरने लगी। छात्र राजनीति के बाद बृजभूषण शरण सिंह 1987 में बार गन्ना समिति के चेयरमैन का चुनाव लड़ा और इस चुआव में भी जीत इनके हाथ लगी। बृजभूषण शरण सिंह 1988 में भारतीय जनता पार्टी के सम्पर्क में आये और तब इनकी छवि हिंदूवादी नेता के रूप में उभर चुकी थी। बृजभूषण शरण सिंह ने बीजेपी के साथ आने के बाद एमएलसी का चुनाव लड़ा, लेकिन 14 वोट से चुनाव हार गए।
बृजभूषण शरण सिंह ने 1991 में पहली बार सांसद चुने गए। 1991 के बाद से 1999 तक हुए लोकसभा चुनावों में बृजभूषण शरण सिंह ने लगातार जीत हासिल की। 2004 के लोकसभा चुनाव में भी बृजभूषण सिंह ने जीत दर्ज की। 2009 के लोकसभा चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह ने भाजपा का हाथ छोड़ समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा और 63,000 वोट से जीत हासिल की। 2014 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से बृजभूषण शरण सिंह भारतीय जनता पार्टी के साथ आ गए और कैसरगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कैसरगंज लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़े और जीत का सेहरा अपने सर बाँधा।
राम मंदिर आंदोलन में जेल गए
बीजेपी के संपर्क में आने के बाद बृजभूषण शरण सिंह उस समय चल रहे राम जन्म भूमि मंदिर आंदोलन में भी शामिल हो गए। अयोध्या के महंत रामचंद्र परमहंस, नृत्य गोपाल दास, हनुमान गढ़ी के स्वामी धर्म दास समेत तमाम संतों का आशीर्वाद लेकर वो मंदिर आंदोलन में सक्रिय हो गए। मंदिर आंदोलन में उन्हें लालकृष्ण आडवाणी जैसे कद्दावर नेताओं का साथ मिला। मंदिर आंदोलन में हिस्सा लेने के चलते उन्हें जेएल भी। विवादित ढांचा गिराने में 28 साल बाद सांसद बृजभूषण शरण सिंह बरी हो गए।