
- राजस्थान में अशोक गहलोत की स्थिर है सरकार
- आखिर रह रहकर क्यों उठता है मामला
- कौन है इस खेल का मास्टरमाइंड
संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक
राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत की सरकार को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जबकि इनकी सरकार स्थिर है. लेकिन पिछले दिनों जिस तरीके से मध्यप्रदेश, कर्नाटक, गोवा और में खेल हुआ है इससे सरकार चौकन्नी है. आइये जानते हैं शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में राजस्थान के सीएम ने क्या कहा !
अशोक गहलोत ने बताई ये बातें
गुजरात में तो इन्होंने हद ही कर दी जब राज्य सभा चुनाव 2017 में 14 विधायक खरीद लिये और हाल ही में हुये चुनाव में 7 विधायकों को खरीद कर तिकड़म से 2 सीटें जीत ली। लेकिन राजस्थान में इनको मुंह की खानी पड़ी। ये इनका असली चेहरा है। समय रहते हुये अगर आमजन ने नहीं पहचाना तो इस देश में लोकतंत्र की हत्या हो जायेगी, 70 सालों में कई उतार-चढ़ाव आये लेकिन लोकतंत्र बचा रहा। अब ये लोग लोकतंत्र की जड़ें हिला रहे है। लगता है देश में लोकतंत्र को खत्म करके रहेंगे।
बीजेपी और इनके नेताओं ने तो मानवता और इंसानियत की सारी हदें तोड़ दी हैं। एक तरफ तो हम जीवन और आजीविका बचाने में लगे हुये हैं और दूसरी तरफ ये लोग सरकार गिराने में लगे हुये हैं….मुझे एवं मेरे साथियों को सरकार बचाने के लिये संघर्ष क जिसका नमूना हमने देखा,पहले तो गोवा व मणिपुर में सरकार नहीं बनने दी, सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी, फिर अरूणाचल व कर्नाटक में,मध्यप्रदेश में लाखों-करोड़ों रू खर्च कर बेशर्माई से तख्ता पलट करवा रहे है।महाराष्ट्र में तो कमाल ही हो गया। दुर्भाग्य से इसमें इनको गर्व महसूस होता हैरना पड़ता है।
लेकिन सरकार नहीं गिर सकती है. क्योंकि अशोक गहलोत राजीति के असली जादूगर हैं. उन्होंने कई बार ऐसे माहौल को देखा है. इस मसले पर प्रदेश मुख्यप्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी, राजस्थान प्रदेश युवा कांग्रेस के आयुष भारद्वाज कहते हैं कि राजस्थान सरकार को अस्थिर करने का हर संभव प्रयास भाजपा द्वारा किया जा रहा है, अन्य प्रदेशों में भी ऐसी किया जा चुका है, मध्य प्रदेश इसका ताज़ा उदाहरण है। वहां विधायकों को 25 – 25 करोड़ रुपये में खरीद कर इस्तीफे दिलवाए गए और सरकार को गिराया गया। राजस्थान में अभी विधायकों को भाजपा 25 से 35 करोड़ रुपये के बीच ऑफर दे रही है। इस खरीद फरोख्त में भाजपा के लोग सीधे तौर पर शामिल हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया का कहना है कि अशोक गहलोत की सरकार ने कोरोना में ठीक से काम नहीं किया है इसलिए मुद्दे से भटकाने का काम किया जा रहा है. भाजपा और कांग्रेस की तानातनी के बीच निर्दलीय विधायको की पूछ बढ़ गई है.