राजनीति के असली जादूगर हैं PM NARENDRA MODI ? देखिये इनकी पूरी कहानी

आपातकाल के दौरान, गिरफ्तारी से बचने के लिए मोदी (PM NARENDRA MODI) को अंडरग्राउंड होने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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पीएम नरेंद्र मोदी.
पीएम नरेंद्र मोदी.

  • गुजरात के बाद देश के कई राज्यों में हैं नरेंद्र मोदी का असर
  • नरेंद्र मोदी के चेहरे पर मजबूत हुई भाजपा, नहीं है कोई दूसरा विकल्प

संतोष कुमार पांडेय : नई दिल्ली

दुनिया में कई नेता हुये जिनकी चर्चा मीडिया में हमेशा होती है। पिछले 20 साल से अधिक् समय से नरेंद्र मोदी भारत की राजनीति में सितारे ही नहीं बल्कि सूर्य की तरह बने हुए हैं। कोई न कोई बड़ी खबर नरेंद्र मोदी (PM NARENDRA MODI) से जुडी रोज मीडिया और विपक्ष के पास रहती है. फिर भी दो दशक से नरेंद्र मोदी (PM NARENDRA MODI) छाए हुए हैं. राजनीति के असली जादूगर हैं.

आइये जानते है कैसा रहा पीएम नरेंद्र मोदी (PM NARENDRA MODI) का राजनितिक कैरियर। 17 सितम्बर 1950 को जन्म लेने वाले नरेंद्र दामोदरदास मोदी (PM NARENDRA MODI) को 1975 में आरएसएस द्वारा “गुजरात लोक संघ समिति” का महासचिव नियुक्त किया गया। आपातकाल के दौरान, गिरफ्तारी से बचने के लिए मोदी (PM NARENDRA MODI) को अंडरग्राउंड होने के लिए मजबूर होना पड़ा। वह सरकार का विरोध करने वाली पैम्फलेट की प्रिंटिंग में शामिल थे। 1978 वे आरएसएस के संभाग प्रचारक बने। सूरत एवं वडोदरा में होने वाले संघ के कार्यक्रमों में वे बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने लगे। इसके बाद1979 में वह आरएसएस संभाग प्रचारक बन गए।

सूरत और वडोदरा के क्षेत्रों में आरएसएस गतिविधियों से जुड़ गये। वह दिल्ली में आरएसएस के लिए काम करने गये। जहां उन्हें आपातकाल के इतिहास के बारे में आरएसएस के संस्करण का शोध और लेखन के लिए रखा गया था। 1985 मोदी को आरएसएस ने बीजेपी को सौंपा था। बाद में 1987 में मोदी ने अहमदाबाद नगरपालिका चुनाव में बीजेपी के अभियान को व्यवस्थित करने में मदद की और बीजेपी ने चुनाव में जीत दर्ज की। 1987 मोदी को बीजेपी की गुजरात इकाई के ऑर्गेनाइजिंग सचिव के रूप में निर्वाचित किया गया था।

1986 एल के आडवाणी के बाद, मोदी भाजपा के अध्यक्ष बने। उस समय आरएसएस ने बीजेपी के भीतर अपने सदस्यों को महत्वपूर्ण पदों पर रखने का फैसला किया। 1990 मोदी ने 1990 में लालकृष्ण आडवाणी की राम रथ यात्रा और 1991 में मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा आयोजित करने में मदद की। वहीं 1995 वह भाजपा के राष्ट्रीय सचिव चुने गए और नई दिल्ली चले गए। उन्होंने हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया। मोदी को 1996 में बीजेपी के महासचिव (संगठन) के रूप में पदोन्नत दिया गया। 7 अक्टूबर 2001 को मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 24 फरवरी 2002 को, उन्होंने राजकोट – द्वितीय निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव जीता। उन्होंने कांग्रेस के अश्विन मेहता को 14,728 मतों से पराजित किया।

उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी पारी के लिये भी चुना गया। 2001 केशुभाई पटेल का स्वास्थ्य खराब हुआ और बीजेपी ने उप-चुनावों में कुछ राज्य विधानसभा सीटें खो दी। बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पटेल की जगह मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री की कमान सौंप दी। 2002 2002 में उन्होंने मणिनगर से चुनाव लड़ा और बेहतरीन जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के ओझा यतिनभाई नरेंद्र कुमार को 38256 मतों से पराजित किया। 2007 23 दिसंबर 2007 को, मुख्यमंत्री के रूप में मोदी का तीसरा कार्यकाल शुरू हुआ और 20 दिसंबर 2012 को पूरा हुआ।

इस बार फिर उन्हें मणिनगर से जीत हासिल हुई। उन्होंने कांग्रेस के दिनशा पटेल को हराया। 2012 मोदी फिर से मणिनगर से चुने गए। इस बार उन्होंने भट्ट श्वेता संजीव को 34097 मतों से पराजित किया। उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री के रूप में चौथे कार्यकाल के लिये शपथ ली। बाद में उन्होंने 2014 में विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। 2014 नरेंद्र मोदी 14वें और भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री के रूप में चुने गए। मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी। वह ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की आजादी के बाद पैदा हुए पहले प्रधान मंत्री बने। उसके बाद 23 मई को नरेंद्र मोदी एक बार फिर वाराणसी से सांसद चुने गये।

उन्‍होंने लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर कांग्रेस के नेता अजय राय को हराया। इसी जीत के साथ उन्‍हें फिर से भारत का प्रधानमंत्री चुना गया। 2019 में 30 मई को नरेंद्र मोदी ने फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 31 मई को कैबिनेट का विस्‍तार किया।


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