- बिहार में कुल 243 विधान सभा की सीटें हैं
- राजस्थान से हैं भूपेंद्र यादव और देवेन्द्र महाराष्ट्र से
संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक
बिहार में विधान सभा चुनाव (bihar vidhan sabha 2020 ) को लेकर तमाम बातें हो रही हैं. सभी दल लगभग-लगभग तैयार हैं. लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी ) भी पूरी तैयारी में है. लेकिन नजरे सभी की भाजपा पर टिकीं है. भाजपा भी इस बार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसलिए पूरी सिद्दत से भाजपा जुट गई है. मगर भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (devendra fadnavis) बिहार का चुनाव प्रभारी क्यों बनाया ? यह बड़ा सवाल है. इसके पीछे क्या चुनावी रणनीति हो सकती है. इन सभी पहलुओं पर चर्चा हो रही है. लेकिन दो तीन बड़े कारण सामाने आ रहे हैं जिनपर बात होगी.
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- भूपेंद्र यादव और देवेन्द्र की अच्छी ट्यूनिंग
भूपेंद्र यादव भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के प्रभारी हैं. भूपेंद्र यादव को अभी हाल में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया था. उस चुनाव में भाजपा और शिवसेना गठबंधन को बड़ी जीत मिली. हालांकि, सरकार नहीं बन पाई. मगर भाजपा को मुताबिक़ के अनुसार अच्छी जीत मिली. भाजपा को 105 सीटें मिली. सूत्रों की माने तो भूपेन्द्र यादव और देवेन्द्र में चुनावी माहौल में ट्यूनिंग बढ़िया रही. जिसका परिणाम सबके सामाने है. भाजपा इसका पूरा फायदा उठाना चाहेगी. और प्रयोग भी कर रही है.
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2. सुशांत सिंह राजपूत भी एक समीकरण बने है
बिहार विधान सभा चुनाव तक सुशांत सिंह राजपूत का मामला छाया रहेगा यह सब एक रणनीति के तहत हो रहा है. सुशांत मामले को भाजपा पूरी तरह से भुनाना चाह रही है. क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार है. और बिहार में कांग्रेस की स्थिति मजबूत है. इसलिए भाजपा इसे मुद्दे बनाया जा रहा है. देवेंद्र फडणवीस की पत्नी और इन्होने खुद सुशांत का मुद्दा उठाया था. और बिहार में सुशांत सिंह राजपूत को लेकर मुद्दा छाया हुआ है.
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3. देवेंद्र फडणवीस को आरएसएस आगे बढ़ाना चाहता है
देवेंद्र फडणवीस नागपुर के मेयर रह चुके हैं. नागपुर से भाजपा के विधायक है. इनके पिता विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. अपने समय के बड़े नेता रहे हैं. भाजपा में देवेंद्र फडणवीस को आगे बढ़ाना है. आरएसएस देवेंद्र फडणवीस को एक बडा अवसर दे रही है. जहां से देवेंद्र फडणवीस को बड़ा नेता बनने का मौक़ा है. देवेंद्र फडणवीस के लिए बिहार ही एक बड़ा निर्णायक होगा.