
यूपी की योगी सरकार के तीन साल 17 मार्च को पूरे हो गए हैं. सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कई सारे आर्टिकल खुद न्यूज़ पेपरों में लिखा है. जहां पर उन्होंने प्रदेश के लोगों की प्रति व्यक्ति आय बढ़ने की बात कही है. लेकिन 2014-15 में यूपी में प्रति व्यक्ति आय ४२२६७ रूपये थी जो २०१८-२०१९ में ७०४१९ हो गई है. इसका मतलब जब यूपी में अखिलेश की सरकार थी तो यूपी तेजी से अमीर हो रहा था. अगर आकड़ों की माने तो 3 साल में योगी की सरकार आर्थिक हालात बदलने में कमजोर और फेल साबित हुई है. पढिये पोल टॉक की स्पेशल रिपोर्ट.

१६-१७ और १७-१८ में यूपी की ग्रोथ प्रतिव्यक्ति आय 10 हजार रुपये बढ़ रही थी. और योगी की सरकार आने के बाद ६ हजार रूपये की बढोतरी हुई. वर्ष २०१७-१८ में 62,323 था जो १८-१९ में 68,792 पर आ गया. मगर योगी सरकार गलत आंकड़े पेश कर रही है. सरकार 68,792 की जगह ७०४१९ पेश कर रही है. ये स्टोरी २८ सितम्बर २०१९ को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट पर आधारित है.

२८ सितम्बर २०१९ को जारी रिपोर्ट में सबसे गरीब राज्यों में बिहार, उत्तरप्रदेश, मणिपुर, झारखण्ड और असम
का नाम शामिल है. सबसे निचले पायदान से दूसरा नम्बर यूपी का था. मगर सरकार इसे अपनी उपलब्धि मान रही है. जबकि यह बहुत ही खराब स्थिति है. इसपर सरकार को इतराने क्या जरुरत पड़ गई.
बिहार
२०१७-१८ में ४१,९९२ था
२०१८-१९ में ४७,५४१ हो गया
बढ़त : : ५.५०० हजार रूपये
०.३२ प्रतिशत
झारखंड
२०१७-१८ में था ७५२४६ था
२०१८-१९ में ८२४३१ हो गया
बढ़त : ७ हजार से अधिक ०.५८ प्रतिशत
ओडिशा
२०१७-१८ में था ९७,२७३ था
२०१८-१९ में १०७,१०७ हो गया
बढ़त : 10 हजार से अधिक. ०.75 प्रतिशत
मध्यप्रदेश
२०१७-१८ में था ९१,१०३ था
२०१८-१९ में ९९,७८३ हो गया
बढ़त : 8 हजार से अधिक. ०.70 प्रतिशत
पश्चिम बंगाल
२०१७-१८ में था १०२,५६८ था
२०१८-१९ में ११९,६३६ हो गया
बढ़त : १७ हजार से अधिक ०.79 प्रतिशत