- ललितपुर में थाना अध्यक्ष ने नाबालिक के साथ किया दुष्कर्म
- पाली थाना किया गया लाइन हाजिर
पोलटॉक नेटवर्क | लखनऊ
उत्तर प्रदेश के ललितपुर में जिले के पाली थाने के सरकारी क्वार्टर में रेप पीड़िता के साथ थाना प्रभारी द्वारा दुष्कर्म किए जाने के बाद इस मामले पर सियासत तेज हो गयी है। योगी सरकार ने मामले में ठोस कदम उठाते हुए आरोपी थाना अध्यक्ष को निलंबित कर दिया है इसके साथ ही पुरे पाली थाने को लाइन हाजिर किया गया है।
इस मामले में डीआईजी झांसी जोगेंद्र कुमार को जांच सौंपी गई है, जो 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट देंगे। पाली थाने के जो स्टाफ लाइन हाजिर किए गए हैं उनमें 6 एसआई, 6 हेड कॉन्स्टेबल, 10 आरक्षी, 5 महिला आरक्षी, एक ड्राइवर और एक फॉलोवर समेत 29 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर किए गए हैं।
एक आरोपी हिरासत में
नाबालिक के साथ दुष्कर्म के जुर्म में पुलिस अब तक केवल एक व्यक्ति को हिरासत में ले पायी है। जबकि पाली थाना अध्यक्ष समेत अन्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं मुकदमा दर्ज होने की खबर मिलते ही आरोपी थानाधिकारी तिलकधारी सरोज फरार हो गया था। जिसकी तलाश में डीआईजी जोगेंद्र कुमार ने तीन पुलिस टीमें गठित की हैं। आरोपी दरोगा की तलाश में सर्विलांस टीम भी लगी है।
क्या है ललितपुर का पूरा मामला
पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक के मुताबिक, पाली थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली एक 13 वर्षीय किशोरी को उसके ही गांव में रहने वाले 4 लड़कों ने 22 अप्रैल को बहला फुसलाकर भोपाल ले गये। भोपाल में उन चारों लड़कों ने नाबालिग से तीन दिनों तक सामूहिक रेप किया गया। आरोपियों ने तीन दिन बाद किशोरी को पाली थाना इंचार्ज को सुपुर्द कर फरार हो गये। जिसके बाद थाना इंचार्ज ने पीड़िता को उसकी मौसी के साथ चाइल्ड लाइन भेज दिया। उसके बाद पाली थाना इंचार्ज ने बयान लेने के बहाने दो दिन बाद नाबालिग को थाने में बुलाया और एक कमरे में ले जाकर बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। इसके बाद पीड़िता को उसकी मौसी के साथ चाइल्ड लाइन भेज दिया गया।