धौलपुर डीएम ने पोलटॉक से कहा- केवल यू-ट्यूब पर फेक न्यूज चैनल पर रोक, जिले की सरकारी वेबसाइट पर डीएम का मोबाइल नंबर तक नहीं

सरकार सुशासन की बात कर रही है. और प्रशासन उसमें पलीता लगा रहा है. कोरोना महामारी के दौरान 'राजस्थान सतर्क है 'यह स्लोगन सरकार का है. लोग इसका समर्थन भी कर रहे हैं. वहीँ राजस्थान के धौलपुर के डीएम राकेश कुमार जायसवाल ने अपना एक फरमान जारी कर दिया है.

2
838
dm dhoulpur
राकेश कुमार जायसवाल, डीएम धौलपुर, राजस्थान.

  • यू-ट्यूब, फेसबुक, इन्स्टाग्राम, लिंक्डइन, व्हाट्सएप, ट्वीटर और टेलीग्राम व् अन्य के संचालन को डीएम ने किया प्रतिबंधित 
  • धौलपुर के डीएम ने 6 पेज का निकाला है आदेश, जिले की सरकारी वेबसाइट पर डीएम का मोबाइल नंबर तक नहीं 

जयपुर : सरकार सुशासन की बात कर रही है. और प्रशासन उसमें पलीता लगा रहा है. कोरोना महामारी के दौरान ‘राजस्थान सतर्क है ‘यह स्लोगन सरकार का है. लोग इसका समर्थन भी कर रहे हैं. वहीँ राजस्थान के धौलपुर के डीएम राकेश कुमार जायसवाल ने अपना एक फरमान जारी कर दिया है. उन्होंने अपने 6 पेज के आदेश में यह लिखा है कि धौलपुर के कतिपय व्यक्तियों जिनके द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म यथा यू-ट्यूब, फेसबुक, इन्स्टाग्राम, लिंक्डइन, व्हाट्सएप, ट्वीटर और टेलीग्राम व् अन्य का संचालन न्यूज चैनेल के रूप में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संचालन किया जा रहा है. ऐसी संचालित समस्त न्यूज चैनल की गतिविधियों को आगामी आदेश तक प्रतिबंधित कर दिया है. जबकि डीएम धौलपुर का सरकारी मोबाइल नम्बर खुद जिले की सरकारी वेबसाइट पर नहीं है. जनता से कैसे संवाद किया जा रहा होगा यह खुद अंदाजा लगाया जा सकता है. बड़ी मुश्किल से डीएम साहब मोबाइल नंबर मिल पाया. इस मुद्दे को लेकर पोलटॉक ने डीएम से (टेलीफोनिक) बातचीत किया है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट !

ग्रामीण क्षेत्र में हर व्यक्ति को रोजगार की गारंटी दी जाये : अरुणा रॉय

सवाल : आपने धौलपुर के सोशल मीडिया पर रोक क्यों लगाई है ?

डीएम धौलपुर : देखिये, धौलपुर में जो लोग यूट्यूब पर न्यूज चैनेल के रूप में चल रहे हैं उन्हें बैन किया गया है. धौलपुर में क्या हो रहा है बड़ी संख्या में लोग न्यूज चैनेल की तरह एंकरिंग करते हुए समाचार दे रहे हैं उन्हें रोका गया है. यू-ट्यूब पर न्यूज चैनल नहीं बन सकता है. आप यहाँ आकर देखिये, यूट्यूब पर कुछ लोगों ने न्यूज चैनेल बना दिया है. उन्हें अनुमति नहीं मिल सकती है. फेसबुक पर जाकर लोग रिपोर्टिंग कर रहे हैं जो गलत है. यह आदेश केवल धौलपुर के लिए निकाला गया है. जिले में फेक न्यूज पर रोक लगाना है.

कोरोना असर : राजस्थान के गुलाबी पर्यटन में अपने लाएँगे ‘बहार’, सरकार कर रही बड़ी तैयारी

सवाल : डिजिटल मीडिया के लिए कोई रोक लगाया है क्या ?

डीएम धौलपुर : अभी ये केवल यू-ट्यूब, फेसबुक के लिए है. डिजिटल मीडिया के लिए अभी

dm haoulpur
धौलपुर जिले की सरकारी वेबसाइट पर डीएम का मोबाइल नम्बर तक नहीं .

कोई रोक नहीं है. डिजिटल मीडिया पर शायद अभी ऐसा नहीं हो रहा है.

सवाल : डिजिटल मीडिया की बात सरकार कर रही है लेकिन आपके जिले की सरकारी वेबसाइट पर खुद डीएम का सरकारी मोबाइल नंबर नहीं है ? आप तक जनता को पहुँचने के लिए सुगम्यता कैसे बनेगी ?

डीएम धौलपुर : डीएम धौलपुर का नंबर वेबसाइट पर होगा. ये कैसे हो सकता है. मैं, इसको देखवता हूँ. सवाल के लिए धन्यवाद.

ग्राम पंचायतों पर गठित कोर ग्रुप में सरपंचों की घोर उपेक्षा करना गैर प्रजातांत्रिक : राजेन्द्र राठौड़

दो टूक : जब देश में आम लोगों की ताकत सोशल मीडिया बन चुकी है. जिनकी कोई नहीं सुनता वो सोशल मीडिया पर अपनी परेशानी बता रहा  है और उन्हें मदद भी मिल रही है. ऐसे हर दिन हजारों मामले सामने आ रहे हैं. तो ऐसे में डीएम ने यू-ट्यूब और फ़ेसबुक पर रोक की बात कैसे कर दी है? सोशल मीडिया पर गलत और भ्रामक समाचार और कंटेंट देने पर कार्र्वाई और उसपर रोक लगाने की बात पहले से ही है. तो ऐसे में डीएम ने यह आदेश देकर आवाज को दबाने का काम किया है. भ्रामक और फेक न्यूज पर ऐसे रोक नहीं लगती ! पूरी दुनिया में सोशल मीडिया पर बड़े-बड़े मीडिया हाउस काम कर रहे हैं. सभी सरकारें भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही है. और जिनके लिए सब कुछ हो रहा है अर्थात जनता. उनका भी सोशल मीडिया ही आवाज उठाने और परेशानी बताने का एक सहारा बन चुका है. डीएम धौलपुर को अपने आदेश पर विचार करना चाहिए. और फेक न्यूज पर कड़ी कार्रवाई करें लेकर सबके लिए यह आदेश आवाज दबाने जैसा ही है. संतोष कुमार पाण्डेय, सम्पादक, पोलटॉक

रिसर्च स्टोरी : लॉकडाउन ने जयपुर के होटल्स और ट्रेवल्स को राजा से बनाया ‘रंक’ , डेढ़ साल बाद भी उबरने की नहीं है संभावना


2 COMMENTS

  1. IIMC के साथ कई मीडिया संस्थानों में आज ऑनलाइन पत्रकारिता के बारे में पढ़ाया जा रहा है वही धौलपुर कलेक्टर ने आदेश दिया है कि ऑनलाइन पत्रकारिता गतिविधि प्रतिबंधित की जाए, अगर इसे प्रतिबंधित करना है तो फिर इसको पढ़ा ही क्यों रहे है ?
    कुनाल भटनागर
    मीडिया छात्र

Leave a Reply