Chardham Yatra: खुल गए गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट, प्रतिदिन इतने तीर्थयात्री करेंगे दर्शन 

अक्षय तृतीय के अवसर पर सुबह 11 बजकर 15 मिनट में कपाट खोले गए। यमुनोत्री धाम के कपाट 12 बजकर 15 मिनट कपाट खोले गए

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  • अक्षय तृतीया के अवसर पर खुले गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट
  • 6 मई को केदारनाथ धाम और 8 मई को बदरीनाथ धाम के खुलेंगे कपाट

पोलटॉक नेटवर्क | देहरादून 

उत्तराखंड के चारधाम की यात्रा (Chardham Yatra) का श्रद्धालुओं को बेसब्री से इंतजार रहता है। मंगलवार यानी आज अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya)  के अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चराण और पूजा अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इसी के साथ आज से चारधाम यात्रा की नहीं शुरुआत हो गयी। आज सुबह 11.15 बजे गंगोत्री (Gangotri Dham) के कपाट खोल दिए गए जबकि यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के कपाट दोपहर 12.15 बजे खोले गए। बता दें केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट 6 मई को जबकि बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कमाट 8 मई को खोले जाएंगे।

अक्षय तृतीया के अवसर पर आज सबसे पहले गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। मां गंगा की उत्सव डोली के सुबह 11.15 बजे गंगोत्री धाम पहुंचने वैदिक मंत्रोच्चराण और पूजा अर्चना के बाद गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। गंगोत्री धाम के कपाट खोलने की प्रकिया आज सुबह से ही शुरू हो गयी थी। वहीं दर्शन हेतु सुबह से ही श्रद्धालुओं का मजमा गंगोत्री धाम में लग गया था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी गंगोत्री धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया में शामिल हुए।

पीएम के नाम की होगी पहली पूजा 

गंगोत्री के कपाट खुले के बाद 12:15 बजे यमुनोत्री धाम के भी कपाट खोले गए। मां यमुना के मायके खरसाली से उनकी उत्सव डोली यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद दोनों ही स्थानों पर पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की की जाएगी।

कोविड जाँच अनिवार्य नहीं 

चार धाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड सम्बन्धी नियमों में ढील दे दी गयी हैं। अब चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना की नेगटिव जाँच लाना अनिवार्य नहीं है। केवल आनलाइन या आफलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।

प्रतिदिन इतने तीर्थयात्री करेंगे दर्शन 

राज्य के संस्कृति और धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल द्वारा इस संबंध में जारी एक आदेश के अनुसार, बद्रीनाथ में प्रतिदिन अधिकतम 15000 श्रद्धालु, केदारनाथ में 12000, गंगोत्री में 7000 और यमुनोत्री में 4000 तीर्थयात्री दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के परिवहन, ठहरने, भोजन, पार्किंग, राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों एवं मंदिर में दर्शन की क्षमता तथा मंदिर परिसर की क्षमता को देखते हुए, यह निर्णय किया गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल यह व्यवस्था शुरुआती 45 दिनों के लिए बनाई गई है।


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