सुपर हीरो से कम नहीं देवरिया का यह “मास्कमैन”, जरूरतमंदों के लिए बना एक उम्मीद

उपभोक्ता एवं खाद्य वितरण मंत्रालय के सलाहकार सदस्य है प्रताप, अब तक बाट चुके है 26 हजार मास्क, 50 हजार मास्क की है तैयारी, जिलाधिकारी अमित किशोर से प्रेरित होकर कर रहे है समाजसेवा.

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लोगों को मास्क बांटते अंकित तिवारी
लोगों को मास्क बांटते अंकित तिवारी

गोरखपुर. लॉकडाउन में सरपट दौड़ती जिंदगियों की रफ़्तार थम गई है। हर तरफ कोरोना (corona virus) के संक्रमण के बीच आइसोलेशन और क्वारन्टीन की बात है। ऐसे में एक युवा किरदार कोरोना के संक्रमण से अपनों को बचाने के लिए मास्क की गठरी लिए गाँव के जरूरत मंद बस्तियों, झुग्गी झोपड़ियों में मदद को लगा है. यह कोई सुपर हीरो जैसा लोगों के बीच में ” मास्कमैन” बन गया है. आखिर, लोग इस शख्स को मास्कमैन क्यों कह रहे हैं? पढ़िए पोल टॉक के लिए प्रियेश शुक्ला की ये ख़ास रिपोर्ट.

प्रताप तिवारी अंकित, मास्क मैन
प्रताप तिवारी अंकित, मास्कमैन

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अभी तक हम लोगों ने स्पाइडरमैन, एंग्री यंगमैन और पैडमैन सरीखे किरदारों से जुड़ी बात जान रहे हैं. लेकिन यूपी के देवरिया जिले के “मास्कमैन” की भी कहानी अब किसी सुपर हीरो से कम नही है। प्रताप तिवारी अंकित ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बढ़ते संक्रमण को लेकर जब गंभीरता से विचार किया तो, इन्हें यह ख्याल आया कि क्यों न देवरिया और रुद्रपुर क्षेत्र में अपने लोगों के बीच जरुरत मंदों की मदद की जाय ? जो कोरोना के संक्रमण काल में लॉकडाउन के चलते अपने घरों में हैं.

अंकित तिवारी के घर पर मास्क बना रहे लोग
अंकित तिवारी के घर पर मास्क बना रहे लोग

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कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए इन्हें जागरूक करना भी जरूरी है. पर इससे भी ज्यादा जरुरी इन लोगों तक मास्क, सेनेटाइजर और साबुन पहुँचाना है ताकि लोग संक्रमित होने से बच सके। प्रताप तिवारी ने लोगों के बीच काम करने की ठान ली और इस बात को अपने दोस्तों से साझा किया। और अब प्रताप ने घर पर ही मास्क और सेनेटाइजर (हाथ धोने के लिए उपयोगी जितना ही ) बनाना शुरू कर दिया गया है.

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अब यही से शुरु हो गई है मास्क मैन बनने की कहानी. प्रताप तिवारी प्रतिदिन अपनी गाड़ी में सैकड़ों मास्क, सेनेटाइजर और दवा लेकर दोस्तों के साथ गाँव, जरुरतमंद बस्तियों में रह रहे लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए निकल पड़े हैं।

50 हजार लोगों तक मास्क पहुँचाने की है तैयारी

पेशे से दवा कारोबारी प्रताप तिवारी एक फ़ार्मा कंपनी के मालिक है। जो अब तक गाँव से लेकर शहर तक की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले 26 हजार लोगों तक मास्क और सेनेटाइजर व अन्य जरूरी सामान पहुँचा चुके है। जब कि 50 हजार लोगों तक मास्क पहुँचाने के लक्ष्य के साथ प्रताप अपने काम में पूरी ईमानदारी के साथ लगे हुए है। प्रताप अपने घर पर ही अपने खुद के खर्च पर मास्क बनवा रहे है। बाजार में सेनेटाइजर नही मिलने के चलते वैकल्पिक रूप से खुद सेनेटाइजर बनाने का काम कर रहे है। जब कि जरूरतमन्दों को बुखार-सर्दी जुकाम की दवा अपनी फ़ार्मा कंपनी से उपलब्ध करा रहे है।

लोगों को मास्क बांटते अंकित तिवारी
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जिलाधिकारी अमित किशोर से मिलती है प्रेरणा

प्रताप तिवारी जिलाधिकारी अमित किशोर के कार्यो से खासे प्रभावित है। और इन्हें ही अपना प्रेरणा स्रोत मानते है। प्रताप बताते हैं कि जिस तरह जिलाधिकारी अमित किशोर बेहिचक हर परिस्थितियों में लोगों के बीच सहजता से काम करते रहते है तो ऐसे व्यक्तित्व से प्रेरित होना लाज़िमी है। इस कोरोना महामारी के बीच जिलाधिकारी के प्रशासनिक कुशलता के चलते ही हम कोरोना के संक्रमण से दूर है वरना एक छोटी सी चूक भी हमे पॉजिटिव रिपोर्ट दे सकती है।

“मास्कमैन” के रूप में मिल रही है नई पहचान

ये “मास्कमैन” गाँवों की गंदी मलिन बस्तियों में जाकर पुरुषों महिलाओं और युवाओं से कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव पर खुलकर बात करता हैं। देवरिया के चौक चौराहों से लेकर रुद्रपुर के दोआबा और कछार के बीच बसे गाँवो के झुग्गी झोपड़ी में रहने वाला हर आदमी अब प्रताप तिवारी को ” मास्कमैन “ के रूप में जानने लगा है। देवरिया के इस “मास्कमैन” से मास्क मांगने में अब लोग बिल्कुल गुरेज़ नहीं करते! रुद्रपुर तहसील के जमीरा गाँव के रहने वाले प्रताप तिवारी अंकित (25 वर्ष) ने जब से कोरोना महामारी के बीच काम करना शुरू किया है तब से सैकड़ो लोग प्रतिदिन फ़ोन करके पूछते हैं कि भैया कब आ रहे हैं ?

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प्रताप का कहना है कि “हम सिर्फ गाँवों और बस्तियों में ही चर्चा नहीं कर रहे हैं, बल्कि पुलिस प्रशासन आला अधिकारी और सड़क पर आने जाने वाले काम काजी जरूरतमंद मजदूर, किसान और दुकानदार से भी कोरोना महामारी से बचाव के विषय पर खुलकर बात कर रहे है. प्रताप कहते है कि “मुझे इस बात की खुशी है कि इतने कम समय में कोरोना जैसी महामारी के बीच हमारे साथ इस अभियान में इतने लोग शामिल हो गए हैं और सपोर्ट कर रहे हैं.


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